अब ऑनलाइन जमा होगा जीएसटी रिफंड
कोलकाता : स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (एसजीएसटी) और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (सीजीएसटी) का पंजीकरण से लेकर रिफंड जमा अब ऑन लाइन होने जा रहा है. यह प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू होगी. इससे पहले यह मैनुअल ही होता था. ऐसा होने से रिफंड जमा करने के लिए लोंगो को परेशानी कम होगी, […]
कोलकाता : स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (एसजीएसटी) और सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (सीजीएसटी) का पंजीकरण से लेकर रिफंड जमा अब ऑन लाइन होने जा रहा है.
यह प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू होगी. इससे पहले यह मैनुअल ही होता था. ऐसा होने से रिफंड जमा करने के लिए लोंगो को परेशानी कम होगी, व्यवसायियों को दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.
भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा जीएसटी पर आयोजित एक परिचर्चा को संबोधित करते हुए उक्त बातें वाणिज्यीक निदेशालय पश्चिम बंगाल (एफआर) की वरिष्ठ संयुक्त आयुक्त नंदिनी घोष ने कहीं.
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को जीएसटी के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी का मतलब होता है वस्तु एवं सेवा कर अर्थात वस्तु यानी कि गुड्स तथा सेवा यानी कि सर्विसेज पर लगनेवाला टैक्स. जीएसटी लागू होने से पहले देश में टैक्स प्रणाली दो हिस्सों में बटी थी डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स. डायरेक्ट टैक्स के अंतर्गत वह टैक्स आते थे जो आम नागरिकों द्वारा सरकार को सीधे तौर पर मिलता था.
जीएसटी के आने के बाद टैक्स सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन हो गया है.जब किसी प्रोडक्ट पर जीएसटी लगता है, तो वह दो भागों में बांटा जाता है, जिसमें एसजीएसटी यानी स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स तथा सीजीएसटी यानी कि सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स.
कार्यक्रम में भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने भी स्वागत भाषण देते हुए एसजीएसटी यानी स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स तथा सीजीएसटी यानी कि सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के बारे में जानकारी देते हुए व्यवसायियों की समस्याओं को विस्तार से रखा.
कार्यक्रम के अंत में वाणिज्यीक निदेशालय पश्चिम बंगाल (एफआर) की वरिष्ठ संयुक्त आयुक्त नंदिनी घोष ने उपस्थित लोगों के जीएसटी रिफंड और पंजीकरण संबंधी कई समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के अंत में चेंबर के आरजी अग्रवाला ने धन्यवाद ज्ञापित किया.