ऑडियो विजुअल माध्यम से बच्चों की पढ़ाई आसान कर रहा ‘नोटबुक एड टेक’

कोलकाता : संयुक्त परिवारों में बच्चे, दादा-दादी व नाना-नानी की कहानियों को बड़े चाव से सुनते थे. ऐसी कहानियों से बच्चों को एक सीख भी मिलती थी. पढ़ाई के मामले में उसी स्टोरी-टेलिंग कल्चर को डेवलप करने के लिए ‘नोटबुक’ एड टेक (एजुकेशनल टेक्नोलॉजी) तैयार किया गया है. इसमें ऑडियो विजुअल माध्यम से आसान तरीके […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 15, 2019 1:46 AM

कोलकाता : संयुक्त परिवारों में बच्चे, दादा-दादी व नाना-नानी की कहानियों को बड़े चाव से सुनते थे. ऐसी कहानियों से बच्चों को एक सीख भी मिलती थी. पढ़ाई के मामले में उसी स्टोरी-टेलिंग कल्चर को डेवलप करने के लिए ‘नोटबुक’ एड टेक (एजुकेशनल टेक्नोलॉजी) तैयार किया गया है. इसमें ऑडियो विजुअल माध्यम से आसान तरीके से बच्चों के पाठ्यक्रम को समझाने की कोशिश की गयी है. वर्णाकुलर भाषा का प्रयोग करके सभी सब्जेक्ट को सरल व मातृभाषा में बच्चों को समझाने के लिए विशेष तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है.

यह जानकारी देते हुए नोटबुक के संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अचिन भट्टाचार्य ने बताया कि प्रतिस्पर्धा के इस दाैर में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के सामने पाठ्यक्रम को समझने व परीक्षा में बेहतरीन अंकों के साथ सफलता हासिल करने की एक बड़ी चुनाैती है. उनको पढ़ाई के फोबिया व स्ट्रेस से दूर रखने के लिए ‘नोटबुक’ एड टेक (एजुकेशनल टेक्नोलॉजी) तैयार किया गया है. भारत में सबसे तेज़ी से बढ़ते एड टेक ब्रांड के रूप में ‘नोटबुक’ विद्यार्थियों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. इस पोर्टल के जरिये ऑनलाइन पढ़ने की संस्कृति विकसित करने के साथ बच्चों की पढ़ाई को सरल व रुचिकर बनाने की कोशिश की गयी है.

‘नोटबुक’ आइसीएसइ, सीबीएसइ, पश्चिम बंगाल शिक्षा बोर्ड, यूपी शिक्षा बोर्ड व बिहार शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुरूप अध्ययन सामग्री को चित्रों और वीडियो के माध्यम से ऑनलाइन प्रदान कर रहा है.अभिभावकों की अपील पर इस पोर्टल में किस्सा-कहानी की शैली में पाठ्यक्रम के वीडियो बनाये गये हैं, जिससे गंभीर से गंभीर विषय को भी बच्चे सरलता से ग्रहण कर सकें. इस एड टेक को विजुअली अब तक छह लाख से भी अधिक लोगों ने देखा है. डिजिटल क्रांति के इस दाैर में ‘नोटबुक’ पढ़ाई को समझने का आसान तरीका है. इसे ऑन करने के साथ ही बच्चों का पढ़ाई के प्रति उत्साह बढ़ जाता है. नोटबुक का एंड्रॉयड ऐप लांच करने के साथ ही विद्यार्थी इससे जुड़ रहे हैं.

पाठ्यक्रम का प्रत्येक वीडियो बच्चों के लिए रुचिकर बन गया है. इसमें पोर्टल का निर्माण सभी शिक्षा बोर्ड के दिव्यांग विद्यार्थियों को भी ध्यान में रखकर किया गया है. शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति के रूप में उभर रहे ‘नोटबुक’ से स्कूलों के अनुभवी शिक्षक-शिक्षिकाओं व कॉलेज के प्रोफेसरों को जोड़ा गया है. इसके लिए एक कुशल तकनीकी टीम को जोड़ा गया है. बसों और रेलगाड़ियों में बैठकर भी बच्चे ‘नोटबुक’ पढ़ रहे हैं व इससे लाभान्वित हो रहे हैं.

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