झूठ बोल रही हैं ममता, भाजपा को बदनाम करने की कर रहीं साजिश

पूजा कमेटियों को आयकर नोटिस पर भाजपा का पलटवार भाजपा महासचिव राहुल सिन्हा ने लगाया आरोप कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की विभिन्न दुर्गापूजा कमेटियों आयकर नोटिस पर भाजपा लगातार तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को घेरने में जुटी है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने ममता बनर्जी से सवाल पूछा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 15, 2019 2:02 AM

पूजा कमेटियों को आयकर नोटिस पर भाजपा का पलटवार

भाजपा महासचिव राहुल सिन्हा ने लगाया आरोप
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की विभिन्न दुर्गापूजा कमेटियों आयकर नोटिस पर भाजपा लगातार तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को घेरने में जुटी है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने ममता बनर्जी से सवाल पूछा है कि ममता बनर्जी की दुर्गा पूजा को लेकर राजनीति जगजाहिर हो चुकी है. श्री सिन्हा ने कहा कि जब पूजा कमेटियों को नोटिस भेजा ही नहीं गया तब ममता क्यों कह रही थीं कि केंद्र सरकार दुर्गा पूजा कमेटियों को नोटिस भेज रही है? आखिर दुर्गा पूजा के बहाने ममता बनर्जी राजनीति क्यों कर रही हैं?
राहुल सिन्हा ने पूछा है कि ममता बनर्जी को पहले यह बताना चाहिए कि मुहर्रम के लिए पूर्व में उन्होंने दुर्गा पूजा और विसर्जन पर भी रोक लगा कर रखी थी, उन्होंने ऐसा क्यों किया था. इसके पीछे उनका क्या मकसद था? सिन्हा ने कहा है कि दुर्गा पूजा कमेटियों में लगायी जाने वाली धनराशि के स्रोत के बारे में अगर आयकर विभाग जानना चाहता है तो इसमें नुकसान क्या है?
उन्होंने कहा है कि पूजा कमेटियों के कई महत्वपूर्ण पदों पर तृणमूल कांग्रेस के नेता बैठे हुए हैं. ये नेता कटमनी और चिटफंड के काले धन को पूजा के बहाने सफेद कर रहे हैं. ममता को डर है कि इसका खुलासा हो जायेगा. इसलिए हंगामा करने का पाखंड कर रही हैं.
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा उत्सव है, लेकिन ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव में हार के बाद इतनी अधिक हताश हो गयी हैं कि अब इस महोत्सव को भी राजनीति का अखाड़ा बना रही हैं. दिलीप ने कहा कि ममता बनर्जी की आदत है केवल झूठ और झूठ बोलना. श्री घोष ने कहा कि ममता बनर्जी आयकर का नोटिस को लेकर भाजपा को बदनाम करने की कोशिश कर रही है और बंगाली भावना को भड़काने की साजिश रच रही है. भाजपा पूजा कमेटियों को पैसे का हिसाब-किताब देने में क्या आपत्ति है.

Next Article

Exit mobile version