कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी का भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज

कोलकाता : कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी और उनकी महिला मित्र बैशाखी बनर्जी के राजनीतिक कदम को लेकर तमाम तरह की अटकलें पिछले कई महीनों से लगायी जा रही हैं. जुलाई महीने के पहले सप्ताह में दोनों दिल्ली गये थे. उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल राय भी थे, जिसके बाद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 17, 2019 8:14 PM

कोलकाता : कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी और उनकी महिला मित्र बैशाखी बनर्जी के राजनीतिक कदम को लेकर तमाम तरह की अटकलें पिछले कई महीनों से लगायी जा रही हैं.

जुलाई महीने के पहले सप्ताह में दोनों दिल्ली गये थे. उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल राय भी थे, जिसके बाद दावा किया गया था कि वह उसी दिन भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले हैं, लेकिन उसके बाद फिर सब कुछ आश्चर्यजनक रूप से शांत हो गया था और शोभन की चर्चा भी नहीं हो रही थी.

अब दोनों के दिल्ली दौरे का राज खुला है. पता चला है कि मुकुल के साथ दिल्ली जाकर शोभन चटर्जी और बैशाखी बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय सांगठनिक महासचिव रामलाल के साथ बैठक की थी.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की सहमति से ही यह बैठक हुई थी. तब शोभन ने भाजपा के पक्ष में हो कर काम करने की इच्छा व्यक्त की थी. उस बैठक के दौरान रामलाल ने बीएल संतोष के साथ भी शोभन चटर्जी का परिचय कराया था, जो फिलहाल पार्टी के सांगठनिक महासचिव हैं.

गत शनिवार को रामलाल पार्टी के सांगठनिक महासचिव के पद से हटे हैं और बीएल संतोष ने यह जिम्मेदारी संभाली है. अब रामलाल के हटने के बाद जब इस मुलाकात का खुलासा हुआ है तो राज्य की राजनीति में एक बार फिर चर्चा तेज हो गयी है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता का दावा है कि रामलाल ने शोभन को यह सुझाव दिया है कि कोलकाता नगर निगम के अधिकतर पार्षदों को अपने साथ लेकर ही वह भाजपा में शामिल हों. इसीलिए शोभन ने नगर निगम के पार्षदों को साधना शुरू किया है. बुधवार को इसका खुलासा होने के बाद इस मामले में प्रतिक्रिया के लिए शोभन चटर्जी से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी.

हालांकि बैशाखी ने स्वीकार किया है कि यह बैठक हुई है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर बैठक हुई है. पार्टी में जाने पर अंतिम फैसला शोभन चटर्जी को ही लेना है.

Next Article

Exit mobile version