तैयारी: सामान्य वर्ग के आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने निर्धारित की योग्यता

कोलकाता : सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने योग्यता निर्धारित कर दी है. यह आरक्षण राज्य सरकार के सिविल पद व सेवाओं तथा राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए है. इसके तहत अनुसूचित जाति-जनजाति व ओबीसी के आरक्षण के दायरे के बाहर के लोगों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2019 2:39 AM

कोलकाता : सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने योग्यता निर्धारित कर दी है. यह आरक्षण राज्य सरकार के सिविल पद व सेवाओं तथा राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए है. इसके तहत अनुसूचित जाति-जनजाति व ओबीसी के आरक्षण के दायरे के बाहर के लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण राज्य सरकार में सिविल पदों व सेवाओं तथा राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में होगा. हालांकि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारी तथा अन्य कुछ पद इसके दायरे से बाहर होंगे. इसके अलावा ग्रुप ए में सबसे निचले ग्रेड के ऊपर के पद भी इससे बाहर होंगे.

राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए जो योग्यता निर्धारित की है, उसके तहत परिवार की कुल सालाना आय आठ लाख रुपये से कम होनी चाहिए. आय में परिवार की आय के सभी श्रोतों को गिना जायेगा, जिनमें वेतन, कृषि, व्यापार, पेशे से होने वाली आय शामिल है. आवेदन के वर्ष के पूर्व के वित्त वर्ष की आय को माना जायेगा. इसके अलावा आरक्षण का लाभ वही लोग ले सकेंगे, जिनके पास पांच एकड़ या उससे अधिक की कृषि भूमि नहीं है. आवासीय फ्लैट 1000 वर्ग फीट या उससे अधिक नहीं होना चाहिए. आवासीय प्लॉट 100 वर्ग यार्ड से अधिक अधिसूचित नगरपालिका में न हो.
आवासीय प्लॉट अधिसूचित नगरपालिका से बाहर के इलाके में 200 वर्ग यार्ड से अधिक न हो. किसी परिवार की विभिन्न स्थानों पर संपत्ति को एकसाथ मिला कर आर्थिक तौर पर कमजोर श्रेणी का निर्धारण किया जायेगा. परिवार का तात्पर्य आवेदनकर्ता, उसके माता-पिता, 18 वर्ष से कम उम्र की संतान, पति-पत्नी शामिल होंगे.
कमजोर आर्थिक श्रेणी के आरक्षण का लाभ आय तथा संपत्ति सर्टिफिकेट को पेश करने से मिलेगा. यह सर्टिफिकेट डीएम, अतिरिक्त डीएम, एसडीओ, कोलकाता नगर निगम इलाके में डीडब्ल्यूओ देंगे. इस श्रेणी में आरक्षण का लाभ लेनेवालों को अनारक्षित पद में नियुक्ति के अधिकार से वंचित नहीं रखा जायेगा. आरक्षण का लाभ लेनेवालों का चयन यदि मेधा के अनुसार होता है न कि आरक्षण से तब उनकी गणना आरक्षित कोटे के तहत नहीं होगी.

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