जाको राखे साइयां…: पांच दिनों तक मछुआरा बिना लाइफ जैकेट के गहरे समुद्र में तैरता रहा, बचा जिंदा

बंगाल की खाड़ी में पांच दिन बाद जीवित मिला मछुआरा कोलकाता : ‘जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय’. यह कहावत भले ही पुरानी हो, लेकिन इसकी सार्थकता हमेशा के लिए बरकरार रहती है. आज इसका उदाहरण भी देखने को मिला. बंगाल की खाड़ी में पिछले हफ्ते प्रवेश करने के बाद लापता हुए 25 मछुआरों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 12, 2019 8:07 AM

बंगाल की खाड़ी में पांच दिन बाद जीवित मिला मछुआरा

कोलकाता : ‘जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय’. यह कहावत भले ही पुरानी हो, लेकिन इसकी सार्थकता हमेशा के लिए बरकरार रहती है. आज इसका उदाहरण भी देखने को मिला. बंगाल की खाड़ी में पिछले हफ्ते प्रवेश करने के बाद लापता हुए 25 मछुआरों में से एक मछुआरे को बांग्लादेश के एक जहाज ने बचा लिया है.

पांच दिनों तक मछुआरा बिना किसी लाइफ जैकेट के गहरे समुद्र में तैरता रहा. इस संबंध में पश्चिम बंगाल के सुंदरवन विकास मंत्री मंटूराम पाखिरा ने गुरुवार को बताया कि बचाये गये मछुआरे की पहचान रवींद्र नाथ दास के रूप में की गयी है. उसे गहरे पानी में तैरते हुए बांग्लादेशी जहाज ने देखा. यह जहाज म्यांमार से बांग्लादेश लौट रहा था. इसके साथ ही शनिवार से लेकर अब तक 50 मछुआरे बचा लिये गये हैं.

पश्चिम बंगाल संयुक्त मछुआरा संगठन के बीजन माइती ने बांग्लादेश से प्राप्त सूचना के आधार पर बताया कि जीवन रक्षक जैकेट पहने दास को बचाने के बाद चटगांव के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के बावजूद मछुआरे अक्सर जीवन रक्षक जैकेट पहनने से बचते हैं. अगर वे ऐतियात बरतते हैं तो समुद्री दुर्घटनाएं कम हो सकती हैं.’’

रवींद्र नाथ दास एफबी नयन पर सवार था, जिसका अब तक कोई अता-पता नहीं है. अभी भी 24 मछुआरे लापता हैं.

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