सांप्रदायिकता के खिलाफ कांग्रेस तृणमूल व माकपा एकजुट

विधानसभा में पारित हुआ प्रस्ताव कोलकाता : विधानसभा में गुरुवार को सांप्रदायिकता के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाममोर्चा विधायकों में एकजुटता दिखी. बंगाल में बढ़ती सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित हुआ. राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने पर नियम 185 के तहत वाममोर्चा और कांग्रेस तथा सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस द्वारा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 12, 2019 1:54 AM

विधानसभा में पारित हुआ प्रस्ताव

कोलकाता : विधानसभा में गुरुवार को सांप्रदायिकता के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाममोर्चा विधायकों में एकजुटता दिखी. बंगाल में बढ़ती सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित हुआ. राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने पर नियम 185 के तहत वाममोर्चा और कांग्रेस तथा सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस द्वारा लाये गये अलग-अलग प्रस्ताव पर बहस हुई, जिसे अंतत: पारित कर दिया गया.
विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चूंकि सांप्रदायिकता के खिलाफ सत्तापक्ष और विपक्ष का प्रस्ताव भले ही अलग-अलग था, लेकिन उसका विषय-वस्तु समान था. कांग्रेस ही वह पार्टी है, जो हमेशा से ही सांप्रदायिकता के खिलाफ खड़ी रही है. इसलिए स्पीकर बिमान बनर्जी ने केंद्र द्वारा कंपनियों के निजीकरण करने व सांप्रदायिकता के खिलाफ दोनों प्रस्ताव को संयुक्त रूप से पारित कर दी. हालांकि, माकपा के विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य सरकार की वजह से यहां सांप्रदायिक शक्तियां बढ़ रही हैं.
इस पर राज्य के ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि अगर ऐसा है, तो लोकसभा में माकपा का वोट भाजपा में क्यों गया. इस प्रस्ताव पर भाजपा के विधायक मनोज टिग्गा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इमाम भत्ता शुरू करके ही यहां पर सांप्रदायिकता का बीज बो दिया था, इसलिए वैसे लोग संप्रदाय की बात ना ही करें, तो बेहतर है.

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