11 को तृणमूल नेताओं संग बैठक करेंगे प्रशांत किशोर

कोलकाता : लोकसभा चुनाव परिणाम के लगभग एक माह के बाद राजनीतिक रणनीतिकार व जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को चंगा करने के लिए 11 जुलाई को नजरूल मंच में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं, जिलाध्यक्षों, विधायकों और सांसदों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 9, 2019 2:16 AM

कोलकाता : लोकसभा चुनाव परिणाम के लगभग एक माह के बाद राजनीतिक रणनीतिकार व जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को चंगा करने के लिए 11 जुलाई को नजरूल मंच में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं, जिलाध्यक्षों, विधायकों और सांसदों को बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. इस बैठक में चर्चा होगी कि लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ स्तर और ब्लॉक स्तर पर क्या गलतियां हुई हैं और कौन-सी ऐसी परिस्थितियां रहीं, जिससे भाजपा को बढ़त मिली.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को गहरा धक्का लगा था. राज्य की कुल 42 सीटों में तृणमूल कांग्रेस ने 2014 लोकसभा चुनाव में 34 सीटें जीती थी, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में घट कर 22 हो गयीं, जबकि भाजपा को 2014 के लोकसभा चुनाव में मात्र दो सीटें मिली थी. लेकिन इस बार उसके सांसदों की संख्या बढ़कर 18 हो गयी.
लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कंपनी के साथ समझौता किया है और सांसद व भतीजे अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में सुश्री बनर्जी और प्रशांत किशोर की नवान्न में दो बार बैठक हो चुकी है. तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार प्रशांत किशोर 11 जुलाई को दूसरी बार पार्टी के सदस्यों के साथ नजरूल मंच में बैठक करेंगे.
पहले यह बैठक तपसिया स्थित पार्टी कार्यालय में बुलायी गयी थी, लेकिन अब यह बैठक नजरूल मंच में होगी. बैठक में प्रशांत किशोर विधानसभा सीटों व मतदाताओं से संबंधित कुछ तथ्य पेश करेंगे. वह दलित, मुस्लिम, मतुआ और आदिवासी मुद्दों पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी देंगे. इसका मुख्य उद्देश्य विरोधी दल की कमजोरियों को उजागर करना और अपनी ताकत को पहचाना है.
उल्लेखनीय है कि प्रशांत किशोर ने 19 जून को पार्टी कार्यालय तपसिया में पार्टी नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया था. इस बैठक में जंगल महल और उत्तर बंगाल की स्थिति पर चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस बैठक में उपस्थित थीं. पूर्व बैठकों की तरह प्रस्तावित बैठक को लेकर तृणमूल नेता चुप्पी साधे हुए हैं तथा कोई इस बैठक में बारे में खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है.

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