पश्चिम बंगाल : ‘कट मनी’ लेने वालों की खैर नहीं, आजीवन कारावास का होगा प्रावधान

कोलकाता : राज्य में कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ स्वीकार करने वाले निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को अब एक कड़े कानून के तहत आरोपी बनाया जायेगा. जिसमें दोषी ठहराये जाने पर आजीवन कारावास का प्रावधान है. नवान्न में मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों से इसकी जानकारी मिली है. मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2019 9:30 PM

कोलकाता : राज्य में कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से ‘कट मनी’ स्वीकार करने वाले निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को अब एक कड़े कानून के तहत आरोपी बनाया जायेगा. जिसमें दोषी ठहराये जाने पर आजीवन कारावास का प्रावधान है. नवान्न में मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों से इसकी जानकारी मिली है.

मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि दोषी जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत आरोपी बनाया जायेगा जो कि लोकसेवक, बैंकर, एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वास हनन से संबंधित है.

इस कानून के तहत दोषी ठहराया जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा या जुर्माने के अलावा 10 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है. सूत्रों के अनुसार यह निर्णय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया है. यह निर्णय राज्य के विभिन्न हिस्सों में व्यापक हंगामे के बाद लिया गया जिसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं को भीड़ ने घेर लिया और उनसे वह ‘कट मनी’ वापस करने की मांग की जो उनसे सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ सुनिश्चित करने के लिए लिया गया.

उल्लेखनीय है कि सुश्री बनर्जी ने गत 18 जून को तृणमूल पार्षदों की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्हें आदेश दिया था कि वे लाभार्थियों से लिये गये ‘कट मनी’ या कमीशन वापस करें. मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर पुलिस से कहा है कि वे पीड़ितों को इसके लिए प्रोत्साहित करें कि वे ऐसे नेताओं और लोकसेवकों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायें. उन्होंने पुलिस से कथित तौर पर यह भी कहा है कि वे आम लोगों को प्रताड़ित नहीं करें.

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