मुख्यमंत्री दें इस्तीफा : मुकुल
कोलकाता : नीलरतन सरकार (एनआरएस) अस्पताल में विगत छह दिनों से जारी गतिरोध व जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के मामले में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल राय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा मांगा है. रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री राय ने कहा कि […]
कोलकाता : नीलरतन सरकार (एनआरएस) अस्पताल में विगत छह दिनों से जारी गतिरोध व जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल के मामले में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल राय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा मांगा है. रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री राय ने कहा कि ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ स्वास्थ्य और गृह मंत्री भी हैं. डॉक्टरों पर हमले के लिए प्रशासन की विफलता है और इसकी जिम्मेवारी भी ममता बनर्जी की बनती है. बिना देरी किये उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए.
अभिषेक को नहीं पता ग्राम पंचायत व पंचायत समिति का फर्क :
श्री राय ने सांसद अभिषेक बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि अभिषेक को ग्राम पंचायत और पंचायत समिति का फर्क नहीं पता है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की तरह अभिषेक बनर्जी भी झूठ बोलने की राजनीति करना सीख गये हैं.
अभिषेक को बच्चा करार देते हुए मुकुल ने कहा कि कुछ दिनों पहले मैंने आरामबाग के चपाडांगा और तालपुर ग्राम पंचायत के 17 लोगों को भारतीय जनता पार्टी का दामन थमाया था. ठीक दूसरे दिन अभिषेक बनर्जी आरामबाग गये थे और उन्होंने दावा किया था कि जिन लोगों ने भाजपा का दामन थामा था, वे वापस तृणमूल में चले आये हैं. लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
रविवार को मुकुल ने चापाडांगा ग्राम पंचायत के 11 और तालपुर के सात सदस्यों को अपने पास खड़े रखे थे. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने भाजपा का दामन पिछले सप्ताह थामा था और यह आज भी भाजपा में ही हैं. अभिषेक बनर्जी ने जिन लोगों को वापस लेने की बात कही वह झूठ है.
भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किये जा रहे हैं झूठे मामले
आरामबाग के खानाकुल में एक तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या का जिक्र करते हुए श्री राय ने कहा कि शनिवार को तृणमूल के कार्यकर्ता की हत्या की गयी है, लेकिन पुलिस तृणमूल को खुश करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ चुन-चुन कर मामले दर्ज कर रही है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है.
यह पूरी तरह से गुटबाजी का परिणाम है. उन्होंने चुनौती दी कि अगर राज्य सरकार सच में तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या में न्याय करना चाहती है, तो घटना की निष्पक्ष जांच करायें और दोषियों को सजा दें.