नैहाटी नगरपालिका में भाजपा ने पेश किया अविश्वास प्रस्ताव

नगर पालिका विभाग के मंत्री फिरहाद हकीम ने राज्य सचिवालय में की बैठक कोलकाता : उत्तर 24 परगना की नैहाटी नगरपालिका में बोर्ड गठन को लेकर कसमकस जारी है. शुक्रवार को भाजपा ने नगरपालिका के सीईओ के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. 31 वार्ड वाली इस नगरपालिका के 22 पार्षदों ने वर्तमान बोर्ड के खिलाफ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 1, 2019 2:07 AM

नगर पालिका विभाग के मंत्री फिरहाद हकीम ने राज्य सचिवालय में की बैठक

कोलकाता : उत्तर 24 परगना की नैहाटी नगरपालिका में बोर्ड गठन को लेकर कसमकस जारी है. शुक्रवार को भाजपा ने नगरपालिका के सीईओ के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. 31 वार्ड वाली इस नगरपालिका के 22 पार्षदों ने वर्तमान बोर्ड के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जमा किया, लेकिन नगरपालिका के सीईओ ने इस प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की.
वहीं, इस नगरपालिका पर भाजपा द्वारा बोर्ड गठन करने की प्रक्रिया को रोकने के लिए राज्य सरकार तत्पर हो गयी है. शुक्रवार को राज्य के शहरी विकास व नगरपालिका मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने राज्य सचिवालय में विभाग के प्रधान सचिव व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद शहरी विकास मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से नैहाटी नगरपालिका पर प्रशासक नियुक्त किया जायेगा.
गौरतलब है कि मंगलवार को नैहाटी नगरपालिका के 31 पार्षदों में से 29 पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद इस नगरपालिका में भाजपा बहुमत में आ गयी थी. इस बीच, शुक्रवार को पार्टी की ओर से नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी के पास भाजपा की ओर से अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित चिट्ठी दी गयी है. इसमें 22 पार्षदों का हस्ताक्षर है. हालांकि अधिकारी ने अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं की है.
इधर राज्य नगरपालिका मामलों के विभाग की ओर से इस नगरपालिका में भाजपा का बोर्ड गठन करने से रोकने के लिए प्रशासक बैठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पिछले साल नवंबर महीने में पश्चिम बंगाल सरकार ने विधानसभा में नगरपालिका संशोधन बिल पारित किया था, जिसके अनुसार नगरपालिका मामलों के मंत्री को यह अधिकार दिया गया था कि वह किसी भी नगरपालिका में छह महीने से लेकर अनिश्चित काल के लिए प्रशासक की नियुक्ति कर सकते हैं.
शुक्रवार को नगरपालिका विभाग ने घोषणा किया कि नैहाटी नगरपालिका में मौजूदा बोर्ड में शामिल सदस्यों ने समर्थन वापस खींच लिया है. इसलिए राज्य सरकार ने यहां प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय लिया है. यहां किसे प्रशासक नियुक्त किया जायेगा, अभी तक यह निर्णय नहीं लिया गया है. माना जा रहा है कि राज्य सरकार के इस फैसले के बाद भाजपा और ममता सरकार के बीच एक बार फिर टकराव बनेगा.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को तृणमूल के अधिकतर पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद इस नगरपालिका पर भाजपा का कब्जा होना स्पष्ट हो गया था. उसके बाद बुधवार को नगरपालिका भवन में तोड़फोड़ की घटना हुई थी. नकाबपोश बदमाशों ने नगरपालिका में घुसकर तोड़फोड़ की थी. चेयरमैन अशोक चटर्जी के दफ्तर में भी तोड़फोड़ हुई थी. उनका नेम प्लेट भी उखाड़ दिया गया था. यहां तक कि नगरपालिका में लगे सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ दिया गया था. उसके बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यहां धरना दिया था.

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