तृणमूल कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले मुकुल राय के बेटे शुभ्रांशु राय पर गिरी गाज

पार्टी िवरोधी कोई बयान नहीं दिया : शुभ्रांशुकोलकाता : मुकुल राय बहुत पहले ही तृणमूल कांग्रेस को छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गये थे, लेकिन उनके पुत्र व बीजपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक शुभ्रांशु राय ने पार्टी नहीं छोड़ी थी और वह तृणमूल कांग्रेस के लिए ही प्रचार-प्रसार कर रहे थे. लेकिन लोकसभा चुनाव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 25, 2019 1:06 AM

पार्टी िवरोधी कोई बयान नहीं दिया : शुभ्रांशु
कोलकाता : मुकुल राय बहुत पहले ही तृणमूल कांग्रेस को छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गये थे, लेकिन उनके पुत्र व बीजपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक शुभ्रांशु राय ने पार्टी नहीं छोड़ी थी और वह तृणमूल कांग्रेस के लिए ही प्रचार-प्रसार कर रहे थे. लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के एक दिन बाद तृणमूल कांग्रेस ने शुभ्रांशु राय को दल विरोधी गतिविधियों के लिए छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया.

शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि शुभ्रांशु राय को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं. उन पर यह आरोप पहले भी लगा है, लेकिन अब धैर्य की सीमा टूट चुकी है. इसलिए तृणमूल कांग्रेस की अनुशासनात्मक कमेटी ने सर्वसम्मति से शुभ्रांशु राय को निलंबित करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस फैसले को मंजूरी दी है. इसके बाद पार्टी ने शुभ्रांशु को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित करने का निर्णय लिया है.
पिता से मैं हार गया : शुभ्रांशु
इससे पहले, बीजपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक शुभ्रांशु राय ने अपने पिता के संगठन कौशल की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी को बढ़त देने का प्रयास किया, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाये, क्योंकि उनके पिता उनसे बेहतर संगठनकर्ता हैं. उन्होंने कहा : आज मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि मैं अपने पिता से हार गया. वह बंगाल की राजनीति के असली चाणक्य हैं. हमारी पार्टी हार गयी है और लोगों ने हमारे खिलाफ वोट डाला. हमें यह स्वीकार करना चाहिए. मुझे मेरे पिता ने हरा दिया. मुझे उम्मीद दी थी कि बीजपुर विधानसभा क्षेत्र में मेरे नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन मैं भूल गया था कि मेरे पिता भी यहां के भूमि पुत्र हैं और उनको भी यहां के लोग काफी पसंद करते हैं.आज मैं अपने पिता के सामने हार गया.
गौरतलब है कि बैरकपुर लोकसभा के अंतर्गत बीजपुर विधानसभा क्षेत्र एक तरह से तृणमूल कांग्रेस का गढ़ है. शुभ्रांशु राय यहां लगातार दो बार चुनाव जीत कर विधायक बने हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि इस विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस की बजाय भाजपा को अधिक वोट मिले हैं. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस उनकी भूमिका पर सवाल उठा रही है.

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