बंगाल: 2014 की तुलना में तृणमूल को 12 सीटों का नुकसान, कांग्रेस दो पर सिमटी, वाममोर्चा का खाता तक नहीं खुला
कोलकाता : पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी भाजपा को अभूतपूर्व सफलता मिली है. पार्टी 18 सीटें जीतने की स्थिति में है, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें मिलती दिख रही हैं. खबर लिखे जाने तक कांग्रेस दो सीटों पर आगे थी. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी बहरमपुर और अबु हाशेम खान चौधरी […]
कोलकाता : पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी भाजपा को अभूतपूर्व सफलता मिली है. पार्टी 18 सीटें जीतने की स्थिति में है, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें मिलती दिख रही हैं. खबर लिखे जाने तक कांग्रेस दो सीटों पर आगे थी. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी बहरमपुर और अबु हाशेम खान चौधरी मालदा दक्षिण की सीट बचाने में सफल होते दिख रहे हैं. राज्य में लगातार 34 वर्षों तक शासन करने वाला वाममोर्चा अपना खाता तक नहीं खोल सका है. अभी अंतिम परिणाम आना बाकी है. 2014 के चुनाव में तृणमूल ने 34 सीटें जीती थीं. कांग्रेस को चार, वाममोर्चा को दो और भाजपा को दो सीटें मिली थीं.
इस बार के चुनाव में राज्य की तृणमूल सरकार में मंत्री सुब्रत मुखर्जी, सांसद दिनेश त्रिवेदी, मुनमुन सेन, ममता बाला ठाकुर, डॉ रत्ना दे नाग और डॉ मानस भुइंया जैसे बड़े नेता चुनाव हार गये हैं. माकपा के मोहम्मद सलीम भी रायगंज की अपनी सीट नहीं बचा सके. भाजपा के राहुल सिन्हा को कोलकाता उत्तर में हार का सामना करना पड़ा है.
भाजपा को उत्तर बंगाल और जंगलमहल के इलाकों में बड़ी सफलता मिली है. दार्जिलिंग, अलीपुरद्वार, कूचबिहार, रायगंज, आसनसोल, बांकुड़ा, विष्णुपुर, हुगली, बनगांव जैसी कठिन माने जाने वाली सीटों पर भी भाजपा को विजय मिली. हालांकि तृणमलू के अभिषेक बनर्जी, माला राय, मिमी चक्रवर्ती, नुरसत जहां, सुदीप बंद्योपाध्याय, प्रसून बनर्जी, दीपक अधिकारी (देव), कल्याण बनर्जी, सौगत राय, डॉ काकोली घोष दस्तिदार, शिशिर अधिकारी, दिव्येंदू अधिकारी को सफलता हासिल हुई है.