आइला के 10 वर्षों बाद बंगाल पर अब चक्रवाती तूफान ”फनी” का कहर

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 2009 में आये चक्रवाती तूफान आइला के लगभग 10 वर्षों के बाद फनी का कहर बरपा है. फनी ने ओडिशा के साथ-साथ बंगाल के लगभग आठ जिलों के बुरी तरह से प्रभावित किया है. पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिले पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 3, 2019 10:08 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 2009 में आये चक्रवाती तूफान आइला के लगभग 10 वर्षों के बाद फनी का कहर बरपा है. फनी ने ओडिशा के साथ-साथ बंगाल के लगभग आठ जिलों के बुरी तरह से प्रभावित किया है. पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिले पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, हुगली और हावड़ा इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है.

बंगाल की खाड़ी मे उठा चक्रवाती तूफान ‘फनी’ शुक्रवार को पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जिला के कई इलाकों में तांडव मचाना शुरू कर दिया है. कई मकान टूटे, कई पेड़ उखड़े और बिजली के खंभे उखड़ गये हैं. फनी की चपटे में आने से पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जिले में पच्चीस से अधिक लोग भी जख्मी हो गये.

गौरतलब है कि पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जिले में शुक्रवार दोपहर करीबन ढाई बजे फनी का चक्रवाती हवा कुछ देर के लिए अचानक बहने लगा. पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत स्थित बेनापुर रेलवे स्टेशन का शेड हवा के चपेट मे आ गया. खड़गपुर शहर मे स्थित आइआइटी परिसर में कई पेड़ गिर गये. प्रेम बाजार और साकुवा इलाके कई कच्चे मकान टूटे, कलाइकुंडा के धारंदा इलाके मे कई कच्चे मकान टूटे. मेदिनीपुर शहर मे भी कई पेड़ गिर गये हैं.

वहीं झाड़ग्राम जिले के गोपीबल्लभपुर और नयाग्राम इलाके मे भी कई मकान टूटे और गिर गये. चूनाघाटी नामक गांव मे बिजली के कई खम्भे भी उखड़े. पश्चिम मेदिनीपुर और झाड़ग्राम जिले कई गांवों में बिजली गुल है. दोनों जिला में परिस्थितियों से निपटने के लिए डिजास्टर मेनेजमेंट पूरी तरह से तैयार है. कइ इलाकों में राहत शिविर कैंप भी खोला गया. उल्लेखनीय है 25 मई, 2009 को आये आइला तूफान में दो दर्जनभर से अधिक लोगों की मौत हुई थी तथा लगभग एक लाख से अधिक लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए थे.

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