एचआइवी संक्रमण से बचाने के लिए नयी खोज
कोलकाता : देह व्यापर दुनिया के पुराने व्यवसायों में से एक है. आज भी यह धंधा वैध या अवैध तरीके से हर जगह जारी है. ऐसी ही एक जगह है कोलकाता की सोनागाछी. इसे एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया माना जाता है. यहां हजारों यौनकर्मी देह व्यापार के धंधे में लिप्त हैं और […]
कोलकाता : देह व्यापर दुनिया के पुराने व्यवसायों में से एक है. आज भी यह धंधा वैध या अवैध तरीके से हर जगह जारी है. ऐसी ही एक जगह है कोलकाता की सोनागाछी. इसे एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया माना जाता है.
यहां हजारों यौनकर्मी देह व्यापार के धंधे में लिप्त हैं और उनमें एचआइवी एड्स का खतरा हमेशा बना रहता या कुछ इसकी शिकार भी हो जाती हैं. यौनकर्मियों को एचआइवी संक्रमण से बचाने के लिए डॉक्टरों ने एक नयी खोज की है. डॉक्टरों ने एक ऐसी दवा खोज निकाली है, जिसके रोजाना सेवन से एचआइवी संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है.
इस विषय में सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल सह दुर्बार महिला समिति के मुख्य सचेतक डॉ एस जाना ने बताया कि एक गोली को रोज सुबह खाना होगा. इसके सेवन से फायदा यह होगा कि यदि यौनकर्मी किसी एचआइवी पॉजीटिव के साथ भी संबंध बनाती है तो उसे कोई खतरा नहीं होगा. हम यौनकर्मियों को कंडोम का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, लेकिन इस दवा के सेवन से उन्हें दोहरी सुरक्षा मिलेगी.
बाजार में उपलब्ध है दवा : डॉ जाना ने बताया कि भारत की पांच दवा कंपनियां इसे तैयार करती हैं. यह दवा अब मार्केट में भी उपलब्ध है. इस दवा को देने से पहले क्रिएटिनिन व एचआइवी की जांच की जाती है. एक टैबलेट की कीमत करीब 25 रुपये है. दाम अधिक होने के कारण हम दवा का नि:शुल्क वितरण नहीं कर पा रहे हैं.
सोनागाछी में हैं पांच हजार यौनकर्मी: सोनागाछी में करीब पांच हजार यौनकर्मी हैं. इसमें से लगभग दो फीसदी महिलाएं एचआइवी से ग्रसित हैं. पूरे बंगाल में करीब एक लाख महिलाएं देह व्यापार से जुड़ी हैं.