फरक्का बराज का टूटा गेट, बांग्लादेश की ओर जा रहा पूरा पानी, संकट में हल्दिया-इलाहाबाद जलमार्ग

सैसुद्दीन शेख, फरक्का शनिवार की रात को आये तूफान व बारिश से फरक्का बैराज का गेट अचानक टूट गया. जिससे पानी बांग्लादेश की ओर तेजी से बहने लगा है. फरक्का बैराज का 23 नंबर गेट में पहले दरार आयी और उसके बाद पानी के दबाव से फाटक टूट गया. घटना की जानकारी मिलते ही फरक्का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 7, 2019 4:23 PM

सैसुद्दीन शेख, फरक्का

शनिवार की रात को आये तूफान व बारिश से फरक्का बैराज का गेट अचानक टूट गया. जिससे पानी बांग्लादेश की ओर तेजी से बहने लगा है. फरक्का बैराज का 23 नंबर गेट में पहले दरार आयी और उसके बाद पानी के दबाव से फाटक टूट गया. घटना की जानकारी मिलते ही फरक्का बैराज के जीएम शैबाल घोष ने फाटक का निरीक्षण किया.

शनिवार की रात को बैराज का 23 नंबर गेट टूटने के बाद सारा पानी बांग्लादेश की ओर जा रहा है. इससे भारत के क्षेत्र में पड़ने वाली गंगा के जलस्तर में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पानी का बहाव होने के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से गिर रहा है. जिससे हल्दिया से लेकर इलाहाबाद तक जल मार्ग को परेशानी झेलनी पड़ सकती है.

1961 में बना था फरक्का बैराज

फरक्का बैराज का निर्माण 1961 से शुरू हुआ था. जिसे देश को 1975 में सौंपा गया था. इस बैराज के बनने के बाद 1996 में भारत व बांग्लादेश के बीच गंगा नदी जल बंटवारे को लेकर संधि हुई. प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के समय बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु की मौजूदगी में यह संधि हुई थी. इसके तहत बांग्लादेश को लगभग 50 फीसदी पानी दिया जाता है.

अन्य गेट की स्थिती भी चिंताजनक

1961 में बने फरक्का बैराज बेहतर देखभाल के अभाव में चिंताजनक स्थिति में पहुंच चुका है. प्राप्त जानकारी के अनुसार फरक्का बराज में लगातार मरम्मती का कार्य चलता रहता है. बावजूद इसके गेट नंबर 23 का टूट जाना स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है. सूत्रों के अनुसार इस तरह के जर्जर गेट और भी हैं. जिनकी संख्या 6-7 के बीच है. सोचने वाली बात यह है कि शनिवार की रात को हुई बारिश व आंधी से गेट टूट गया है. ऐसे में बरसात के दिनों में यह गंभीर संकट पैदा कर सकता है.

क्या कहते हैं जीएम

घटना की जानकारी मिलने के बाद फरक्का बैराज के जीएम शैबाल घोष ने वरीय अभियंताओं के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की. उन्होंने अभियंताओं को एक सप्ताह के भीतर गेट को ठीक करने का निर्देश दिया. वहीं अन्य कमजोर गेट पर भी तुरंत काम करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि अन्य गेट को बंद कर स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है.

Next Article

Exit mobile version