पहले एक घंटे तक टॉयलेट नहीं जा सकेंगे परीक्षार्थी

एचएस परीक्षा को लेकर उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद का फैसला कोलकाता : पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद की अध्यक्ष महुआ दास ने शनिवार को बताया कि परीक्षाएं निर्विघ्न रूप से संचालित करने के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू होगी. घंटी बजने के साथ ही सील्ड पैकेट हॉल में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 24, 2019 1:43 AM

एचएस परीक्षा को लेकर उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद का फैसला

कोलकाता : पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद की अध्यक्ष महुआ दास ने शनिवार को बताया कि परीक्षाएं निर्विघ्न रूप से संचालित करने के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं. परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू होगी.
घंटी बजने के साथ ही सील्ड पैकेट हॉल में परीक्षार्थियों के सामने खोले जायेंगे. परीक्षा शुरू होने के अगले एक घंटे तक (11 बजे तक) कोई भी परीक्षार्थी टॉयलेट नहीं जा सकेगा. ऐसा निर्देश दिया गया है.
परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व गोपनीयता बनाये रखने के लिए सरकार का एक प्रतिनिधि परीक्षा केंद्र पर उपस्थित रहेगा. परीक्षा हॉल में प्रश्नपत्र कैसे वितरित किये जायेंगे, इसके लिए भी एक फॉरमैट बनाया गया है. प्रत्येक परीक्षा के लिए निर्धारित प्रश्नपत्रों के पैकेट पर एक कोड लिखा रहेगा. कंप्यूटर ट्रैकिंग पर सील्ड पैकेट का नंबर रहेगा. यह पैकेट परीक्षा हॉल में परीक्षार्थियों के सामने खोले जायेंगे. प्रथम परीक्षा अंग्रेजी (ए), हिंदी, उर्दू, बांग्ला, संथाली आदि भाषाओं की होगी. संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी जायेगी.
नियम का उल्लंघन करने पर होगी सख्त कार्रवाई
अध्यक्ष का कहना है कि परीक्षा केंद्र पर नियम का उल्लंघन करनेवाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. मोबाइल का प्रयोग करने, नकल करने, हॉल में तोड़फोड़ करने या उत्तर-पुस्तिका फाड़ने या इसको घर ले जाने जैसी हरकतों में शामिल किसी भी परीक्षार्थी या कर्मचारी को बक्शा नहीं जायेगा. परीक्षार्थी को आरए (रिजल्ट अगेंस्ट) कमेटी के सामने पेश होना पड़ेगा. गंभीर आरोप लगने पर परीक्षार्थी का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जायेगा. कोई भी विद्यार्थी मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रोनिक उपकरण लेकर अंदर नहीं घुस सकता है. घुसने से पहले विद्यार्थियों की तलाशी होगी. काउंसिल की अध्यक्ष द्वारा परीक्षार्थियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने की घोषणा से कुछ शिक्षक संगठन असहमत हैं.
इस विषय में बंगीय शिक्षा-ओ-शिक्षाकर्मी समिति के सह सचिव सपन मंडल का कहना है कि अगर परीक्षार्थी नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे दंडित किया अथवा कारण बताओ नोटिस दिया जा सकता है. लेकिन रजिस्ट्रेशन रद्द करने से उसका कैरियर खत्म हो जायेगा.
इसके बाद वह कभी भी उच्च माध्यमिक परीक्षा में नहीं बैठ पायेगा. काउंसिल के प्रावधान में ऐसा कोई नियम नहीं है, जिससे किसी छात्र का भविष्य दांव पर लगाया जा सके. काउंसिल कार्रवाई कर सकती है, लेकिन शिक्षा से उस बच्चे को वंचित करने की बात नैतिक व व्यावहारिक नहीं है.

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