हम विभाजनकारी राजनीति में विश्वास नहीं करते : ममता

अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर बोलीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को देशप्रिय पार्क में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के मौके पर कश्मीरियों पर हो रहे हमलों के खिलाफ और सभी विभाजनकारी आवाजों के खिलाफ हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी भाषाओं, धर्म, संस्कृति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2019 2:18 AM
अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर बोलीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को देशप्रिय पार्क में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के मौके पर कश्मीरियों पर हो रहे हमलों के खिलाफ और सभी विभाजनकारी आवाजों के खिलाफ हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी भाषाओं, धर्म, संस्कृति से प्यार करते हैं, क्योंकि हम विभाजनकारी राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं. हमारी ऐसी मानसिकता नहीं है.
उन्हाेंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कोई राजस्थानी या पंजाबी राज्य में नहीं रह सकता, अपनी मातृभाषा में नहीं बोल सकता. कुछ लोग व एक वर्ग है, जो लोगों में जहर घोल रहा है. पुलवामा हमले के बाद नदिया जिले में एक कश्मीरी शॉल विक्रेता पर हमले के एक मामले का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या कोई कश्मीरी शॉल विक्रेता बंगाल में नहीं रह सकता और घर-घर शॉल बेच कर जीवन यापन नहीं कर सकता.
जो लोग आतंकियों के साथ मिले हुए हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम सभी को शक की नजर से देखें. उन्होंने कहा कि लोगों का एक वर्ग समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहा है और वह यह तय करना चाहते हैं कि कौन रहेगा और कौन नहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल में इस प्रकार की घटना को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. परोक्ष रूप से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये लोग कौन हैं और उनमें कितनी ताकत है.
वह इन राजनीतिक दल के लोगों को बताना चाहती हैं कि वे राष्ट्र को विभाजित करना चाहते हैं, जो मेरी मातृभाषा नहीं सिखाती. सुश्री बनर्जी ने कहा कि हम अखंड भारत चाहते हैं. वह इन लोगों से नफरत नहीं करतीं, जो सांप्रदायिक हिंसा फैला रहे हैं, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं से उनका दिल जलता है, क्योंकि ये चीजें उन्हें अस्वीकार्य हैं.
मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि पश्चिम बंगाल वह भूमि है, जो सभी भाषाओं के प्रति सम्मान सिखाती है. उनकी सरकार ने राजबंशी, ओल चिकी, उर्दू और अन्य भाषाओं को आधिकारिक दर्जा दिया था ताकि हर कोई स्वतंत्र रूप से काम कर सके. इस मौके पर राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम, सूचना व संस्कृति राज्य मंत्री इंद्रनील सेन व विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.

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