कोलकाता : परीक्षा केंद्रों पर कड़ी निगरानी के दावों के बावजूद कथित पेपर लीक की घटनाओं ने बढ़ाया सिरदर्द

कोलकाता : माध्यमिक परीक्षा के दूसरे दिन भी परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया परवायरल होने की खबर से बोर्ड अधिकारियों के बीच हलचल मच गयी. परीक्षा का समय दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक का था. खबर मिली कि 12.45 बजे के बाद सोशल मीडिया पर सेकेंड लैंग्वेज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 14, 2019 2:53 AM

कोलकाता : माध्यमिक परीक्षा के दूसरे दिन भी परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया परवायरल होने की खबर से बोर्ड अधिकारियों के बीच हलचल मच गयी. परीक्षा का समय दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक का था. खबर मिली कि 12.45 बजे के बाद सोशल मीडिया पर सेकेंड लैंग्वेज अंग्रेजी का प्रश्नपत्र वायरल हो गया.

हालांकि बोर्ड की ओर से इसकी पुष्टि कोई नहीं की गयी, जबकि घटना के कारण रोजाना परीक्षा के बाद होने वाले बोर्ड के प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया गया.

ज्ञात हो कि परीक्षा के पहले दिन भी सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र वायरल होने की खबर से बोर्ड की जम कर किरकिरी हुई थी. परीक्षा के शुरुआती दो दिनों में दोनों पेपर वायरल होने की घटना पर बुधवार को राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली को फटकार लगायी है. बोर्ड के अध्यक्ष व मंत्री के बीच काफी देर तक इसी मुद्दे को लेकर बैठक हुई.
परीक्षा केंद्रों पर कड़ी निगरानी व जांच व्यवस्था के बावजूद पेपर लीक होने की खबर से शिक्षक संगठनों में भी नाराजगी जतायी है. कुछ शिक्षकों का कहना है कि सभी के लिए परीक्षा हॉल में मोबाइल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, इसके बावजूद पेपर लीक होने की घटना कैसे हो रही है. इसका मतलब यही है कि बोर्ड के अधिकारी इसमें शामिल हैं. ऐसी घटनाओं से विद्यार्थियों का भी विश्वास टूटेगा व उनके अंदर तरह-तरह की भ्रांतियां फैलेंगी.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को परीक्षा के प्रथम दिन करीब 1.45 बजे किसी ने व्हाट्सएप पर बांग्ला भाषा का प्रश्नपत्र वायरल कर दिया था. परीक्षा फर्स्ट लैंग्वेज (हिंदी, बांग्ला, इंगलिश, उर्दू, उड़िया आदि) की थी. इस घटना को लेकर पेपर वायरल होने की प्राथमिकी बोर्ड की तरफ से विधाननगर कमिश्नरेट के साइबर सेल में दर्ज की गयी थी.
बुधवार को फिर इस तरह की घटना होने से बोर्ड को फटकार लगायी गयी है.इस विषय में बंगीय शिक्षा-ओ-शिक्षाकर्मी समिति के सह सचिव सपन मंडल ने कहा कि लगातार दो दिन परीक्षा पेपर लीक होने की घटना से विद्यार्थियों में आतंक की स्थिति पैदा हो रही है. यह बोर्ड की लापरवाही का नतीजा है.
कहा जा रहा है कि बोर्ड की ओर से इतनी सख्त व्यवस्था परीक्षा केंद्रों पर की गयी है. किसी भी छात्र, शिक्षक, इनविजिलेटर के मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके बावजूद फिर से पेपर लीक कैसे हो रहा है. इस घटना को लेकर समिति की ओर से राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से बात की गयी.
समिति की ओर से मंत्री से यह अपील की गयी कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली निपुणता से काम नहीं कर पा रहे हैं. उनके कामकाज व परीक्षाओं की व्यवस्थाओं को लेकर विभाग ध्यान दे. इस पर मंत्री ने उनको सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया. कुछ स्कूलों के हेडमास्टरों ने भी इस घटना पर रोष व्यक्त किया है.

कोलकाता : माध्यमिक पेपर लीक होने के खिलाफ डीएसओ का प्रदर्शन

मंगलवार व बुधवार को लगातार माध्यमिक परीक्षा के दो पेपर, क्रमश: फर्स्ट लैंग्वेज में बंगला व सेकेंड लैंग्वेज में इंगलिश का पेपर लीक होने के प्रतिवाद में ऑल इंडिया डीएसओ की ओर से एक रैली निकाली गयी. यह रैली कॉलेज स्ट्रीट क्रॉसिंग से महात्मा गांधी रोड तक निकाली गयी.

इस विषय में डीएसओ के कोलकाता सचिव प्रभाशीष दास ने बताया कि पेपर लीक होने की घटना से छात्र आतंकित हैं. उनको लगता है कि अगर पेपर लीक हो रहा है तो उनकी मेहनत का क्या होगा. विद्यार्थियों में एक संशय की स्थिति उत्पन्न हो रही है. माध्यमिक बोर्ड की इतनी सख्ती के बाद भी पेपर लीक कैसे हो रहे हैं,

इसका मतलब यह है कि बोर्ड के अपने अधिकारी ही कहीं से भ्रष्ट हैं. जब मोबाइल ले जाने की किसी को अनुमति ही नहीं है तो पेपर कैसे सोशल मीडिया या व्हाटसऐप पर लीक हो रहा है, यह एक अहम सवाल है. इसी के प्रतिवाद में छात्रों ने ऑल इंडिया डीएसओ के बैनर तले रैली निकाली.

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