कोलकाता : खत्‍म हुआ 21 सालों का इंतजार, आखिरकार आ गये राजाराम, 1998 से थे लापता

अंशुमान, कोलकाता : कोलकाता. 21 वर्ष पहले वन अधिकारी राजाराम पोच्या बाेंगरीवार महाराष्ट्र से गंगासागर आये थे पुण्यस्नान करने. तब से वह लापता थे. इतने लंबे वर्षों बाद वह फिर अपने परिजनों से मिल पायेंगे. यह मिलन दक्षिण 24 परगना के सागर जिले में काम कर रही स्वंयसेवी संस्था पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के सदस्यों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 31, 2019 1:24 AM

अंशुमान, कोलकाता : कोलकाता. 21 वर्ष पहले वन अधिकारी राजाराम पोच्या बाेंगरीवार महाराष्ट्र से गंगासागर आये थे पुण्यस्नान करने. तब से वह लापता थे. इतने लंबे वर्षों बाद वह फिर अपने परिजनों से मिल पायेंगे.

यह मिलन दक्षिण 24 परगना के सागर जिले में काम कर रही स्वंयसेवी संस्था पश्चिम बंगाल रेडियो क्लब के सदस्यों की सहायता से संभव हो सका है. क्लब के सदस्यों के लिए राजाराम को तलाश करना काफी मुश्किल काम था, लेकिन उन्होंने अपने अथक प्रयास से नामुमकिन को भी मुमकिन कर दिखाया.
सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि 21 वर्षों में बोंगरीवार का चेहरा काफी बदल गया था. परिवारवालों के लिए उन्हें पहचानना काफी मुश्किल था. लेकिन उनके शरीर पर कुछ चिन्हों व उनकी खोयी याददाश्त की वजह से उनकी पहचान संभव हो सकी. महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिला निवासी बोंगरीवार वर्ष 1998 में गंगासागर मेला आए थे, जिसके बाद से ही लापता थे.
वर्ष 2002 में चंद्रपुर जिला के कोठारी थाना में घरवालों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी, जिसमें उनका पूरा विवरण था. यह जानकारी बोंगरीवार परिवार के साथ कोलकाता पहुंचे कोठारी थाना के सब-इंस्पेक्टर श्यामराव पुलगामकर ने प्रभात खबर से बातचीत में दी. बताया कि वे लोग बुधवार को कोलकाता आये.
उनके साथ राजाराम के दो पुत्र शेखर बोंगरीवार एवं लक्ष्मण बोंगरीवार भी हैं. वे काकद्वीप अस्पताल में भर्ती राजाराम को महाराष्ट्र ले जाने के लिए पहले कागजी कार्रवाई पूरी करेंगे, फिर उन्हें लेकर यहां से रवाना होंगे. यहां उनकी सहायता के लिए पश्चिम बंगाल रेडियाे क्लब के अध्यक्ष अंबरीश नाग विश्वास, दीपन मुखर्जी, सुफल मजुमदार, सोमनाथ अधिकारी मौजूद हैं.

Next Article

Exit mobile version