फ्लाप शो साबित हुई ममता की ब्रिगेड रैली, ब्रिगेड मैदान का ज्यादातर हिस्सा खाली रहा

कोलकाता : ब्रिगेड परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एेतिहासिक सभा की, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों के नेता इसमें शामिल हुए. लेकिन इस सभा को भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने फ्लॉप शो करार देते हुए कहा कि ममता बनर्जी के लाख प्रयास के बावजूद ब्रिगेड सभा बेअसर रहा. जिस तरह से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2019 3:16 AM
कोलकाता : ब्रिगेड परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एेतिहासिक सभा की, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों के नेता इसमें शामिल हुए. लेकिन इस सभा को भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने फ्लॉप शो करार देते हुए कहा कि ममता बनर्जी के लाख प्रयास के बावजूद ब्रिगेड सभा बेअसर रहा.
जिस तरह से दावा किया गया था भीड़ उतनी हुई नहीं. भीड़ जुटाने के लिए लोगों को जमकर डराया गया था, जिससे नाराज होकर लोग नहीं आये और ब्रिगेड का ज्यादातर हिस्सा खाली रहा.
उन्होंने कहा कि रैली में आये लोग मोदी सरकार की आलोचना करते हुए नोटबंदी का हवाला दे रहे थे. नोटबंदी के दो साल बाद भी इनलोगों को यह घटना याद आ रही है.
इससे साबित होता है कि इनलोगों के कालेधन के भंडार में असर पड़ा है, जबकि देश की जनता आज भी नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी आस्था बरकरार रखे हुए है. इतना ही नहीं लगातार दूसरे दिन भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ब्रिगेड की रैली को लेकर अपने विरोधी स्वर बरकरार रखा है.
इस बार दिलीप घोष ने सवाल उठाया कि ब्रिगेड की रैली के लिए तृणमूल कांग्रेस के पास इतना पैसा कहां से आया, क्योंकि मोटे अनुमान के तहत तकरीबन एक सौ करोड़ रुपये इस रैली के आयोजन में खर्च हुए हैं. इतनी मोटी रकम कहां से आयी. इसके लिए उन्होंने जांच की मांग की है. उनके अनुसार अगर ऐसा हुआ, तो तृणमूल कांग्रेस मुसीबत में पड़ जायेगी.
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सभा में जितने भी नेता आये थे, वे लोग अपने-अपने राज्यों में बेरोजगार हैं, क्योंकि वहां पर उनलोगों के लिए कोई काम नहीं है. वैसे भी पश्चिम बंगाल की परंपरा रही है कि जो पार्टी सरकार में रहती है, वह अपने विदाई के पहले देशभर के नेताओं को बुलाकर उनसे सभा करवाती है और बाद में सरकार से विदा हो जाती है. इस बार भी वही परंपरा दोहरायी जा रही है.

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