कोलकाता : देश रक्षा साइबर एजेंसी गठन के अंतिम चरण में

कोलकाता : भारत साइबर जगत में संभावित खतरों से निबटने के लिए एकीकृत रक्षा स्टाफ (आइडीएस) के तहत साइबर एजेंसी गठित कर रहा है. सशस्त्र बल साइबर खतरों से अवगत है. इन खतरों के कारण साइबर एजेंसी की आवश्यकता पैदा हो गयी है, जिसका गठन थल सेना, वायु सेना और नौसेना में मौजूद प्रतिभाओं को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2019 2:15 AM
कोलकाता : भारत साइबर जगत में संभावित खतरों से निबटने के लिए एकीकृत रक्षा स्टाफ (आइडीएस) के तहत साइबर एजेंसी गठित कर रहा है. सशस्त्र बल साइबर खतरों से अवगत है. इन खतरों के कारण साइबर एजेंसी की आवश्यकता पैदा हो गयी है, जिसका गठन थल सेना, वायु सेना और नौसेना में मौजूद प्रतिभाओं को एकजुट कर किया जायेगा.
यह बात भारतीय थल सेना के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओ‍सी) लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवाने ने कहा. वह मंगलवार को सेना दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय थल सेना के पूर्वी कमान के मुख्यालय फोर्ट विलियम में आयोजित संवाददाताओं से मुखातिब थे.
साइबर एजेंसी के बारे में बताते हुए कहा है कि यह केवल थलसेना की नहीं, बल्कि एक अंतरसेवा एजेंसी होगी जो आइडीएस के तहत काम करेगी, जो साइबर से जुड़े खतरों से निबटेगी. आइडीएस भारतीय सशस्त्र बलों की विभिन्न शाखाओं में समन्वय बनाये रखने और प्राथमिकता तय करने का काम करता है. संपूर्ण प्रस्ताव निर्माण के अंतिम चरण में है.
सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि साइबर एजेंसी पूर्ण कमान नहीं होगी. इसकी इकाइयां देशभर में फैली होंगी. साइबर सुरक्षा के पहलुओं से निबटने के लिए हर मुख्यालय में समर्पित अधिकारी या इकाइयां या सेल होंगे.
सेना दिवस के उपलक्ष्य में लेफ्टिनेंट जनरल एमएम नरवाने फोर्ट विलियम स्थित विजय स्मारक पर माल्यार्पण किया और देश की रक्षा के लिए शहीद होने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी. पूर्वी कमान के सभी सैन्य स्टेशनों में इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये गये थे.
इस अवसर पर भारतीय थल सेना के पूर्वी कमान की पांच इकाइयों को अनुकरणीय पेशेवर प्रदर्शन के लिये ‘चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यूनिट साइटेशन’ से सम्मानित किया गया. इसी प्रकार, पूर्वी कमान प्रमुख का सराहना-प्रपत्र (स्टाफ साइटेशन) थल सेना के पूर्वी कमान की 18 इकाइयों को दिया गया.
ज्ञात हो कि 15 जनवरी, 1949 में लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा ने सेना का प्रधान कमानपति पद ग्रहण किया था. इस उपलक्ष्य में 15 जनवरी का दिन सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है.

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