सागरद्वीप : बंगाल के प्रति केंद्र की नीति असहयोगपूर्ण : संजय दास

धर्म के नाम पर सत्ता में आनेवाली केंद्र की भाजपा सरकार मूड़ी गंगा ब्रिज पर चुप्पी साधी पुण्य स्नान का पावन मुहूर्त सोमवार शाम 6.09 बजे से मंगलवार संध्या 6.09 बजे तक शिव कुमार राउत, सागरद्वीप :ऐतिहासकि, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक धरोहर की नगरी गंगासागर में मोक्षपर्व के त्योहार संक्रांति स्नान के अवसर पर कपिल मुनि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2019 6:22 AM
  • धर्म के नाम पर सत्ता में आनेवाली केंद्र की भाजपा सरकार मूड़ी गंगा ब्रिज पर चुप्पी साधी
  • पुण्य स्नान का पावन मुहूर्त सोमवार शाम 6.09 बजे से मंगलवार संध्या 6.09 बजे तक
शिव कुमार राउत, सागरद्वीप :ऐतिहासकि, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक धरोहर की नगरी गंगासागर में मोक्षपर्व के त्योहार संक्रांति स्नान के अवसर पर कपिल मुनि आश्रम के मंहत ज्ञान दास के उत्तराधिकारी संजय दास ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत की.
शासनतंत्र की दोहरी नीति का शिकार पश्चिम बंगाल
संजय दास ने कहा, देश की समृद्धि व खुशहाली की कुंजी हमारी परंपरा व संस्कृति है, जिसे संजोने की जिम्मेदारी संत-समाज, मानव-समाज के साथ सबसे अधिक शासन व प्रशासन की है, पर, दुःख इस बात का है कि शासनतंत्र की दोहरी नीति के कारण संस्कृति के संरक्षण को उतना बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार खुद को धर्म का ठेकेदार समझती है, तो फिर धर्म व परंपरा को संजोनेवाले तीर्थस्थलों के विकास के लिए दोहरा मानदंड क्यों अपना रही है? यह सर्वविदित है कि गंगासागर हिंदुओं का सनातन तीर्थस्थल है.
यहां संक्रांति स्नान का महत्व स्वर्ग के द्वार तक पहुंचने के समान है. समूची दुनिया से लोग इस पावन स्नान के लिए यहां आते हैं. मूड़ी गंगा पर ब्रिज नहीं होने के कारण तीर्थयात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इस बात को जानते हुए भी केंद्र की ओर से मुड़ी गंगा पर ब्रिज का निर्माण नहीं करवाया गया.
हालांकि ममता बनर्जी यूपीए के दौर में भी मूड़ी गंगा में ब्रिज निर्माण की अपील की थीं. ना वह सरकार कुछ कर पायी और ना ही बातौर हिंदू धर्म के संरक्षक मोदी सरकार की ओर से इस कार्य के लिए कोई जवाब आया. मंहत ज्ञान दास ने भी इस संबंध में केंद्र को पत्र लिखे हैं, लेकिन केंद्र सरकार चुप्पी साधे बैठी रही.
कुंभ के व्यवस्थापक सीख लें सागर की व्यवस्था से
संजय दास ने गंगासागर मेले की व्यवस्था को कुंभ से बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से कुंभ को आर्थिक व नैतिक रूप जो सहयोग मिला है उसका एक हिस्सा भी गंगासागर मेले को नहीं मिला है, लेकिन इससे हतोत्साहित हुए बिना ममता सरकार ने सागर मेले की व्यवस्था में कोई कसर नहीं छोड़ा.
उनका यह प्रयास प्रशंसा योग्य हैं. अब तक 15 लाख लोग निष्ठा व शांति के साथ सागर संगम में डुबकी लगा चुके हैं. उन्होंने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था कुंभ में भी होनी चाहिए.
ममता में देश के प्रधानमंत्री बनने की काबिलीयत
संजय दास ने मकर संक्रांति के अवसर तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को भगवत् भाव से आर्शीवाद देते हुए कहा कि वह एक ईमादार व योग्य व जुझारू राजनेता हैं. उनमें नेतृत्व के अद्वितीय क्षमता है, जिसके बादौलत एक चायवाला भी प्रधानमंत्री बन सकता तो ममता क्यों नहीं?
वह तो मां-माटी और मानुष के मर्म को बेहतर समझती हैं. मेरे हिसाब से वह प्रधानमंत्री के पद के लिए प्रबल दावेदार भी हैं. उनके प्रधानमंत्री बनने से निष्पक्ष रूप से समूचे देश का विकास होगा.
विष्णु के पांचवें अवतार हैं कपलिमुनि
गंगासागर में स्नान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए संजय दास ने कहा कि इस तपोस्थली पर भगवान विष्णु के पांचवें अवतार के रूप में कपिल मुनि विराजमान हैं, जिनके श्राप से अयोध्या के राजा सगर के साठ हजार पुत्र भस्म हो गये थे.
उन्हीं को मोक्ष देने के लिए सीधे स्वर्ग से गंगा भागीरथी के तप के फलस्वरूप यहां लगभग ढाई हजार किलोमीटर की यात्रा तय कर मकर संक्रांति के दिन ही सागर तट पर पधारी थीं. इसलिए यहां संक्राति पर स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होता है. इस बार यह पुण्य स्नान सोमवार शाम 6.09 बजे से शुरू होकर मंगलवार सायं 6.09 बजे तक होगा.

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