गंगासागर मेले में फोन- इंटरनेट सेवा ठप्प, खुले आसमान के नीचे रात काट रहे तीर्थयात्री

गंगासागर : सागर मेले के ‘शुभारंभ से पहले प्रशासन की ओर से मेले में दूरसंचार सेवा को बहाल रखने के लिए हाईटेक व्यवस्था की बात की गयी थी, लेकिन मेले की शुरुआत के बाद प्रशासन का यह दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है. निजी व सरकारी तमाम टेलिकॉम कंपनियों के नेटवर्क गंगासागर तट पर आंख-मिचौली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2019 10:57 PM

गंगासागर : सागर मेले के ‘शुभारंभ से पहले प्रशासन की ओर से मेले में दूरसंचार सेवा को बहाल रखने के लिए हाईटेक व्यवस्था की बात की गयी थी, लेकिन मेले की शुरुआत के बाद प्रशासन का यह दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है.

निजी व सरकारी तमाम टेलिकॉम कंपनियों के नेटवर्क गंगासागर तट पर आंख-मिचौली खेलते नजर आये. इससे दूर-दराज से स्नान के लिए आये लोगों के साथ-साथ मीडियाकर्मियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

* सीओडब्ल्य से भी नेटवर्क नहीं

जिला प्रशासन की ओर से मेला परिसर में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या के निवारण के लिए इस साल पहली बार सेल ऑन व्हिल (सीओडब्ल्यू) की व्यवस्था की गई है. पर वह भी पूरी तरह से फेल साबित हुआ.

पायलट प्रोजेक्ट योजना के तहत सीओडब्ल्यू यानि चलते-फिरते मोइबल टावर की व्यवस्था लॉट नंबर आठ से मेला परिसर में की गई है. छोटे- छोटे मोबाइल टावरों को गाड़ियों पर रख कर समूचे मेला परिसर पर में घुमाया जा रहा है. पर इसके बाद भी यहां नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या बनी रही.

रविवार को नेटवर्क ने पुण्यार्थियों समेत उपिस्थत जनसमूह को बहुत रूलाया. गया के राजू पांडेय ने नेटवर्क कनेक्टिविटी से हुईं परेशानी को हमसे साझा करते हुए कहा कि वह अपने परिवार के तीन सदस्यों के साथ सागर स्नान के लिए आये हुए हैं. स्नान के बाद वह अपने परिजनों से बिछड़ गये. उनके परिजनों का मोबाइल स्वीच ऑफ बता रहा था. उन्होंने ‘लॉस्ट फाउंड इंफॉर्मेशन टॉवर’ जाकर घोषणा करवायी तब जाकर अपने परिजनों से मिल पाये.

* खुले आसमान के नीचे रात काट रहे हैं तीर्थयात्री

अद्र्धकुंभ होने के कारण इस साल गंगासागर में गत वर्ष की तुलना में तीर्थयात्रियों की संख्या एक तो कम है. दूसरा प्रशासन के द्वारा कुंभ से बेहतर सुविधा मुहैया करवाने की बात कही जा रही है. लेकिन वस्तुस्थिति ठीक इससे उलट निकली.

पुण्यार्थिंयों के रहने के बंदोबस्त के बारे में जिलाधिकारी वाई रत्नाकर राव का कहना है कि मेले परिसर में तीर्थयात्रियों के रात गुजारने के लिए 500 से अधिक होगला बने हैं जिसमें प्रतिदिन करीब एक लाख लोगों के रहने की व्यवस्था है. लेकिन प्रशासन के इस आयोजन के बाद भी मेला परिसर में तीर्थयात्री खुले असामान के नीचे रात काटते नजर आये.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से अपने समूचे परिजनों के संग पुण्य स्नान के लिए सागर पहुंचे रामकिशन मिश्र पिछले दो दिनों से सागर तट के किनारे ही ठंड में अपनी रात गुजार रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन के द्वारा यात्रियों के ठहरने के लिए बनाए गए होगलों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं हैं. परिसर में भी यात्री निवास या ठहराव की व्यवस्था के बारे में कहीं कुछ ऐसा लिखा हुआ भी नहीं हैं. इसके अलावा दूसरे पुण्यार्थिंयों ने भी यही बात दुहराई.

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