कोलकाता : दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान

तृणमूल कांग्रेस और भाजपा की नीतियों में कोई फर्क नहीं कोलकाता : सीटू, एटक समेत केंद्रीय ट्रेड यूनियन की ओर से 8 व 9 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल बुलायी गयी है. सीटू के आला नेता अनादि साहू ने साफ कर दिया है कि हड़ताल के दौरान जरूरी सेवाओं को छोड़कर प्राय: हर क्षेत्र उसके दायरे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 8, 2019 9:18 AM
तृणमूल कांग्रेस और भाजपा की नीतियों में कोई फर्क नहीं
कोलकाता : सीटू, एटक समेत केंद्रीय ट्रेड यूनियन की ओर से 8 व 9 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल बुलायी गयी है. सीटू के आला नेता अनादि साहू ने साफ कर दिया है कि हड़ताल के दौरान जरूरी सेवाओं को छोड़कर प्राय: हर क्षेत्र उसके दायरे में रहेगा. उन्होंने केंद्र सरकार की कथित जन, किसान व श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया है. आरोप के अनुसार भाजपा का कमल और तृणमूल कांग्रेस का घास-फूल लोगों को अप्रैल फूल बना रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस की ओर से कथित तौर पर कहा जाता है कि वह भाजपा के खिलाफ है. यदि वह इसके खिलाफ है तो केंद्र की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन का समर्थन क्यों नहीं कर रही है? आरोप के अनुसार भाजपा और तृणमूल कांग्रेस की नीतियों में कोई फर्क नहीं है.
वाम दल और वाम संगठन हड़ताल केपक्ष में : माकपा, भाकपा समेत वामपंथी दलों और उसके संगठनों की ओर से हड़ताल का समर्थन जताया गया है. माकपा के प्रदेश सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने हड़ताल को विफल करने के लिये राज्य सरकार पहले से ही सरकारी कर्मचारियों पर दबाव डाला है.
कथित तौर पर फरमान सुनाया गया है कि हड़ताल वाले रोज कार्यालय में उपस्थित नहीं होने वाले सरकारी कर्मचारियों का वेतन काट लिया जायेगा. माकपा नेता ने साफ कर दिया है कि हड़ताल का समर्थन करने वालों पर दबाव बनाये जाने पर प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए मिश्रा ने कहा कि भाजपा के खिलाफ उनकी ओर से कई बार बयान दिये गये हैं. दूसरी ओर राज्य सरकार केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बुलाये जाने वाले हड़ताल के विरूद्ध निर्देश देती नजर आती है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि तृणमूल कांग्रेस, भाजपा के खिलाफ नहीं है. पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है.
किसानों को उनकी ऊपज की कीमत नहीं मिल रही है. श्रमिक बेरोजगार हो रहे हैं. आम लोग महंगाई के बोझ तले दबते जा रहे हैं. ऐसे में जनविरोधी नीतियों का विरोध करते हुए हड़ताल को सफल बनाना अहम है.
नहीं पड़ेगा असर :
दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को लेकर तृणमूल कांग्रेस के आला और राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि यह राज्य में बेअसर रहेगा और यहां के जन-जीवन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान हड़ताल नहीं है.

Next Article

Exit mobile version