कोलकाता : यूपी में भाजपा को हराने के लिए सपा-बसपा ही काफी : किरणमय

कोलकाता : समाजवादी पार्टी (सपा) उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ मिल कर आगामी आम चुनाव में भाजपा को हराने में सक्षम है और इसके लिए कांग्रेस जैसी की जरूरत नहीं है. यह बात पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने रविवार को कही है. हालांकि उन्होंने यह संकेत दिया कि सपा-बसपा गठबंधन रायबरेली व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 7, 2019 4:42 AM
कोलकाता : समाजवादी पार्टी (सपा) उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ मिल कर आगामी आम चुनाव में भाजपा को हराने में सक्षम है और इसके लिए कांग्रेस जैसी की जरूरत नहीं है. यह बात पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने रविवार को कही है.
हालांकि उन्होंने यह संकेत दिया कि सपा-बसपा गठबंधन रायबरेली व अमेठी निर्वाचन क्षेत्र को छोड़ सकता है, जिनका लोकसभा में प्रतिनिधित्व क्रमश: संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी करते हैं.
नंदा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अनावश्यक ताकत है इसलिए गंठबंधन में शामिल करने या बाहर रखने के बारे में सपा सोच ही नहीं रही है. राज्य में सपा-बसपा गठबंधन मुख्य ताकत है, जो भाजपा का सामना कर सकते हैं. कांग्रेस एक या दो सीट पर साथ हो सकती है, लेकिन यह फैसला कांग्रेस लेगी कि वह अपने आप को कहां देखना चाहती है.
लोकसभा चुनावों से पहले सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला लेने के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अखिलेश यादव के बीच बातचीत तेज होने संबंधी खबरों के बाद नंदा की यह टिप्पणी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
ध्यान रहे कि सपा-बसपा के दोनों वरिष्ठ नेताओं ने गत शुक्रवार को नयी दिल्ली में मुलाकात की थी. नंदा के मुताबिक कांग्रेस अभी भी ‘गठबंधन राजनीति’ के मंत्र के हिसाब से नहीं ढल पायी है क्योंकि वह अपने सहयोगियों के लिए उन राज्यों में एक इंच जगह भी छोड़ने के लिये तैयार नहीं है, जहां वह मजबूत है.
लेकिन जहां वह कमजोर है वहां दूसरों से अपने लिए बड़ा हिस्सा छोड़ने की उम्मीद करती है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखना क्या भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगा? इस सवाल पर नंदा ने कहा उनके पूर्व के अनुभवों के आधार पर वह कह सकते हैं कि जहां कांग्रेस ने सपा-बसपा गठबंधन के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे भी हैं, वहां गठबंधन के उम्मीदवार को भाजपा को हराने में कोई मुश्किल नहीं हुई.
कांग्रेस का वोट शेयर पूरी तरह गैर जरूरी है. विपक्षी गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर नंदा ने कहा कि इस बारे में फैसला चुनाव के बाद आम सहमति से किया जायेगा.

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