कोलकाता : राज्य में एक और लेदर कॉम्प्लेक्स स्थापित करने की है योजना : सीएम

350 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी 300000 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार कोलकाता : राज्य में चमड़ा उद्योग के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं. पश्चिम बंगाल में चमड़ा उद्योग में निवेश के लिए लगभग एक हजार प्रस्ताव जमा हुए हैं. अधिकांश देशी-विदेशी कंपनियां यहां यूनिट की स्थापना करना चाहती हैं. यह जानकारी सोमवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 25, 2018 4:18 AM
  • 350 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी
  • 300000 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
कोलकाता : राज्य में चमड़ा उद्योग के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं. पश्चिम बंगाल में चमड़ा उद्योग में निवेश के लिए लगभग एक हजार प्रस्ताव जमा हुए हैं. अधिकांश देशी-विदेशी कंपनियां यहां यूनिट की स्थापना करना चाहती हैं. यह जानकारी सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में दी.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार यहां एक और लेदर कॉम्पलेक्स की स्थापना करना चाहती है और इसके लिए लगभग 350 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, जिसकी खोज की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन मिलते ही राज्य सरकार यहां एक और लेदर कॉम्पलेक्स स्थापित करेगी.
इस नये लेदर कॉम्पलेक्स में तीन लाख लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा. वहीं, बसंती हाइवे पर बने लेदर कॉम्प्लेक्स के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां सैकड़ों कंपनियों ने अपनी यूनिट की स्थापना की है और अब तक यहां एक लाख 20 हजार लोगों को रोजगार मिला है.
ऑनलाइन हो सकेगा जमीन का म्यूटेशन
कोलकाता : का म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) कराने के लिए अब बीएलआरओ का चक्कर नहीं लगाना होगा. अब म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा. यह जानकारी सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न भवन में दी.
उन्होंने बताया कि सोमवार को कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने ऑफलाइन प्रथा को पूरी तरह से खत्म करते हुए अब ऑनलाइन म्यूटेशन आवेदन प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है.
इससे लोगों को बीएलआरओ का चक्कर नहीं लगाना होगा. उल्लेखनीय है कि जमीन के क्रय व विक्रय के बाद उसका म्यूटेशन कराने के लिए बीएलआरओ का चक्कर लगाना पड़ता था और म्यूटेशन कराने में महीनों क्या वर्षों लग जाते थे.
मुख्यमंत्री के सामने बीएलआरओ कार्यालयों में म्यूटेशन कराने को लेकर काफी शिकायतें मिली थीं, इसके बाद राज्य सरकार ने ऑफलाइन की प्रथा को ही खत्म करने का निर्णय लिया.
मुख्यमंत्री कहा कि राज्य में प्रत्येक वर्ष लगभग जमीन क्रय-विक्रय के 12 लाख लेन-देन होते हैं और क्रय-विक्रय के बाद जमीन का म्यूटेशन कराने के लिए लोगों को बीएलआरओ का चक्कर लगाना पड़ता था.
लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने से अब सहज ही लाेगों को इस परिसेवा प्रदान की जा सकेगी. राज्य सरकार ने किसानों से म्यूटेशन शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है और साथ ही म्यूटेशन के लिए जो भी राशि बकाया थी, उसे भी माफ कर दिया गया है.

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