कोलकाता : संगीत सुन कर कोमा से बाहर आयी महिला

कोलकाता : संगीत से दीप जलना या बारिश होना भले ही कहानी जैसा लगती हो, लेकिन जीवन में संगीत का एक अलग महत्व ही नहीं, बल्कि यह रोग उपचार का माध्यम भी बन सकता है. यह कोलकाता में साबित हो गया. संगीत किसी की बीमारी को ठीक कर दे, ऐसा शायद ही कभी सुना हो. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2018 4:41 AM
कोलकाता : संगीत से दीप जलना या बारिश होना भले ही कहानी जैसा लगती हो, लेकिन जीवन में संगीत का एक अलग महत्व ही नहीं, बल्कि यह रोग उपचार का माध्यम भी बन सकता है. यह कोलकाता में साबित हो गया. संगीत किसी की बीमारी को ठीक कर दे, ऐसा शायद ही कभी सुना हो.
लेकिन कोलकाता में यह करिश्मा हुआ है. महानगर के मशहूर सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (एसएसकेएम) में भर्ती एक महिला कई दिनों से कोमा में थी और म्यूजिक थेरेपी के जरिये वह इससे बाहर आयी है.
21 वर्षीय संगीता दास को एन राजम का संगीत दिन में तीन बार सुनने की सलाह दी गयी थी. संगीता के परिवार ने माना कि किस तरह संगीत सुनने से उसे कोमा से बाहर आने में मदद मिली. दरअसल संगीता के डॉक्टर संदीप कुमार कर खुद भी एक वॉयलिन वादक हैं.एसएसकेएम हॉस्पिटल में कार्डियक ऐनिस्थीसिया स्पेशलिस्ट संदीप ने संगीता के परिवार को म्यूजिक थेरेपी की सलाह दी थी.
उन्होंने कहा : मुझे लगता है कि हमें उसके पूरी तरह होश में आने का इंतजार करना चाहिए. फिलहाल उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है.एन राजम के संगीत को दिन में तीन बार सुनने की सलाह दी गयी थी
यह खबर सुनकर मैं हैरान हूं. मैंने बहुत पैसा कमाया है, बहुत अवॉर्ड जीते हैं, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि मेरा वॉयलिन बजाना किसी को जिंदगी दे सकता है. मैं अपनी भावनाएं शब्दों में नहीं बयान कर सकती हूं. मैं संगीता के पूरी तरह स्वस्थ होने पर उससे मिलूंगी और उन डॉक्टरों से भी जिन्होंने उसे यह सलाह दी थी.

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