कोलकाता : बंगाल में माफिया अब तृणमूल के नेता : बाबुल

नयी दिल्ली/कोलकाता : केंद्रीय भारी उद्योग व जन उद्यम मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि बंगाल में माफिया अब तृणमूल के नेता बन चुके हैं. ममता बनर्जी और उनकी पार्टी द्वारा बंगाल में लगातार लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. उनके मुताबिक, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद से बंगाल में 29 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 11, 2018 1:58 AM
नयी दिल्ली/कोलकाता : केंद्रीय भारी उद्योग व जन उद्यम मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि बंगाल में माफिया अब तृणमूल के नेता बन चुके हैं. ममता बनर्जी और उनकी पार्टी द्वारा बंगाल में लगातार लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. उनके मुताबिक, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के बाद से बंगाल में 29 लोगों की हत्या की जा चुकी है. भाजपा के बूथ अध्यक्ष संदीप घोष की हत्या के मुख्य आरोपी टीएमसी पार्टी के नेता को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओ के ऊपर फर्जी केस लगाकर जेल में डाला जा रहा है. पश्चिम बंगाल के हर जिले में करीब-करीब एक जैसे हालात हैं. पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं. ममता बनर्जी इसको रोकने के लिए कोई भी कदम नहीं उठा रही हैं. पश्चिम बंगाल में पुलिस तृणमूल कांग्रेस के कैडर में तब्दील हो चुकी है.
ममता प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पाल रही हैं
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में ऐसे समय में ‘प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा’ पाल रही हैं, जब उनके राज्य में ‘राजनीतिक हिंसा’ लगातार जारी है. उन्होंने दावा किया कि स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेता के हमले में रविवार को भाजपा के एक कार्यकर्ता संदीप घोष की मौत हो गयी, जबकि चार अन्य घायल हो गये.
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि ममता बनर्जी दिल्ली में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षा पाल रही हैं, जबकि उनके राज्य में राजनीतिक हिंसा निरंतर जारी है’ तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक दर्जन से अधिक विपक्षी पार्टियों के उन शीर्ष नेताओं में शामिल थीं, जो अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिये संयुक्त मोर्चा बनाने के प्रयासों के तहत यहां आयोजित बैठक में शामिल हुईं.
सुप्रियो ने कहा
पश्चिम बंगाल में एक कार्यकर्ता की हत्या दूसरे की हत्या को ढंक देती है. ममता बनर्जी के शासन के छह वर्षों में राजनीतिक हिंसा ने राज्य में माकपा के 34 वर्षों के शासनकाल के दौरान हुई हिंसा को पीछे छोड़ दिया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस ‘तृणमूल के कैडर’ में तब्दील हो गयी है और संदीप घोष की हत्या के मुख्य आरोपी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. सुप्रियो ने कहा कि लोगों में डर पैदा करने के लिये तृणमूल सरकार पश्चिम बंगाल में भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा को ‘सांप्रदायिक रंग’ दे रही है और उसे बाधित कर रही है.

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