नये सचिवालय पर 400 करोड़ रुपये का खर्च, अदालत ने कहा पैसे और संसाधन की बर्बादी

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि एक बार सरकार काम करना शुरू कर देती है तो इसके नीतिगत निर्णय “उसकी राजनीतिक विचारधारा से परे” होने चाहिए. अदालत ने कहा कि नए सचिवालय पर खर्च किए गए करदाताओं के 400 करोड़ रुपये राष्ट्रीय संसाधनों की बर्बादी साबित हुए. राज्य सरकार ने इससे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 2, 2018 1:40 PM

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि एक बार सरकार काम करना शुरू कर देती है तो इसके नीतिगत निर्णय “उसकी राजनीतिक विचारधारा से परे” होने चाहिए. अदालत ने कहा कि नए सचिवालय पर खर्च किए गए करदाताओं के 400 करोड़ रुपये राष्ट्रीय संसाधनों की बर्बादी साबित हुए. राज्य सरकार ने इससे पहले अदालत को सूचित किया था कि वह द्रमुक के कार्यकाल में यहां बन रहे नए सचिवालय के निर्माण में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए गठित रघुपति जांच आयोग को फिर से गठित नहीं करेगी.

इसका गठन 2011 की तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार ने किया था. अदालत ने कहा कि इस तरह के सभी खर्चे संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप और व्यापक रूप से जनता के हित में होने चाहिए. साथ ही अदालत ने कहा, “प्रशासकों को संविधान के तहत मिली शक्तियां केवल करदाताओं के पैसे को संरक्षित करने और बड़े पैमाने पर जनता के हित में न्यायोचित तरीके से खर्च करने के लिए मिली हुई हैं. इनका कानून सम्मत प्रक्रियाओं के अनुरूप पालन किया जाना चाहिए क्योंकि राज्य संरक्षक है.” अदालत ने कहा कि सरकार न सिर्फ जिम्मेदार है बल्कि जवाबदेह भी है.

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