चूड़ामणि से खफा दीदी, छिन सकता है मंत्री पद

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पद संभालने के बाद से ही जंगमहल के तीन जिले पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा व पुरुलिया के विकास पर सबसे अधिक ध्यान दिया है. राज्य सरकार की ओर से यहां सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं पर सबसे अधिक राशि खर्च की गयी, लेकिन इन जिलों में पंचायत चुनाव के परिणाम ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 20, 2018 1:25 AM
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पद संभालने के बाद से ही जंगमहल के तीन जिले पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा व पुरुलिया के विकास पर सबसे अधिक ध्यान दिया है. राज्य सरकार की ओर से यहां सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं पर सबसे अधिक राशि खर्च की गयी, लेकिन इन जिलों में पंचायत चुनाव के परिणाम ने सत्तारूढ़ पार्टी को झंकझोर दिया है. झाड़ग्राम में ग्राम पंचायत सीट पर तृणमूल कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है और इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी नाराज हैं.
तृणमूल कांग्रेस सूत्रों की मानें तो इस परिणाम के बाद वहां के जिला नेताओं पर गाज गिर सकती है और इसमें सबसे आगे हैं राज्य के पिछड़ी जाति विकास मामलों के मंत्री चूड़ामणि महतो. जानकारी के अनुसार, दीदी यानी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, चूड़ामणि महतो से काफी नाराज हैं और उनको अब कैबिनेट में रखना नहीं चाहती हैं. पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को मिली हार के बाद अब चूड़ामणि महतो के मंत्री पद पर भी संकट मंडरा रहा है. जानकारी के अनुसार, बहुत जल्द चूड़ामणि महतो का मंत्री पद उनसे छीन सकता है.
जिले में पंचायत चुनाव में पार्टी की हार के लिए चूड़ामणि महतो को ही जिम्मेदार बताया जा रहा है. यहां तक कि चूड़ामणि के ग्राम पंचायत सालबनी में भी आठ सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. इसी कारण मुख्यमंत्री और भी नाराज हैं कि उनके एक कैबिनेट मंत्री के विस क्षेत्र में ही उनको हार का मुंह देखना पड़ा है. इसी प्रकार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुरुलिया जिले के बलरामपुर विस क्षेत्र के विधायक शांतिराम महतो से भी नाराज हैं और पुरुलिया जिले में भी तृणमूल कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण उन पर पार्टी की ओर से कार्रवाई की जा सकती है.
29 मई को जंगलमहल जा सकती हैं सीएम
जंगलमहल के जिलों में तृणमूल कांग्रेस के खराब प्रदर्शन से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी काफी चिंतित हैं. इसलिए मई महीने के अंत तक वह एक बार फिर जंगलमहल के दौरे पर जा सकती हैं और वहां के नेताओं के साथ बैठक कर चुनाव परिणामों की समीक्षा करेंगी.
जिलों में अनगिनत विकास कार्यों के बावजूद आखिर तृणमूल कांग्रेस को क्यों हार का सामना करना पड़ा, वहां के लोगों की क्या समस्याएं हैं, मुख्यमंत्री यह स्वयं जानना चाहती हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री वहां पार्टी नेताओं के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों व आम लोगों के साथ भी बातचीत कर सकती हैं.

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