होमियोपैथी के विकास पर जोर दे रही केंद्र सरकार : नायक

कोलकाता : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होमियोपैथी (एनआइएच) शिक्षा एवं रोगियों की देखभाल के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करे. हाल में होमियोपैथी का महत्व दिन पर दिन बढ़ रहा है. होमियोपैथ में शोध की जरूरत पूरे विश्व में महसूस की जा रही है. भारत में स्वतंत्रता के बाद होमियोपैथी का दवा के रूप में विकास तेजी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2017 10:00 AM
कोलकाता : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होमियोपैथी (एनआइएच) शिक्षा एवं रोगियों की देखभाल के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करे. हाल में होमियोपैथी का महत्व दिन पर दिन बढ़ रहा है. होमियोपैथ में शोध की जरूरत पूरे विश्व में महसूस की जा रही है. भारत में स्वतंत्रता के बाद होमियोपैथी का दवा के रूप में विकास तेजी से हुआ है तथा आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है. केंद्र सरकार पारंपरिक दवा के साथ होमियोपैथी दवा के विकास पर जोर दे रही है.

येे बातें केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येशो नायक ने होमियोपैथी के संस्थापक डॉ सैमुअल क्रिश्चियन फेडरिक हेनिमैन की मूर्ति का एनआइएच में अनावरण करने के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि पारंपरिक दवा के विकास को महत्व देने के लिए 1996 में अलग आयुष मंत्रालय का गठन किया गया. केंद्र सकार ने होमियोपैथी व्यवस्था एवं दवा के विकास के लिए मजबूत कदम उठाये हैं. इस बाबत सुविधाएं भी उपलब्ध करायी हैं.

पहले चरण में इंस्टीच्यूट की परियोजना के विस्तार के लिए 60 करोड़ रुपये और दूसरे एवं तीसरे चरण के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. इसमें छात्रावास का निर्माण शामिल है. डॉ प्रशांत बनर्जी होमियोपैथी रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक डॉ प्रशांत बनर्जी (महीझाम) ने कहा कि होमियोपैथी चिकित्सा के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है.

यह चिकित्सा की अन्य पद्धति की तुलना में काफी सस्ता है. क्योंकि इससे रोग का निदान सदा के लिए हो जाता है. होमियोपैथी के प्रचार-प्रसार के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करने व नये शोध को बढ़ावा देने पर बल दिया. मौके पर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ अभिजीत चटर्जी, सेंट्रल काउंसिल ऑफ रिसर्च इन होमियोपैथी होम के महानिदेशक डॉ आरके मनचंदा तथा केंद्र सरकार के होमियोपैथी के पूर्व सलाहाकार डॉ एन राधा आदि ने अपना विचार रखा.

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