छात्रों से ज्यादा फीस लेने वाले डीए गेटिंग स्कूलों को नोटिस

कोलकाता: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने डीए गेटिंग (डीए प्राप्त) स्कूलों को छात्रों से निर्धारित फीस से ज्यादा वसूली गयी राशि वापस करने का निर्देश दिया है. राज्य के डीए प्राप्त कुल 42 स्कूलों में 37 को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है. राज्य सरकार के फरमान से डीए प्राप्त स्कूलों में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 24, 2017 8:18 AM

कोलकाता: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने डीए गेटिंग (डीए प्राप्त) स्कूलों को छात्रों से निर्धारित फीस से ज्यादा वसूली गयी राशि वापस करने का निर्देश दिया है. राज्य के डीए प्राप्त कुल 42 स्कूलों में 37 को इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है.

राज्य सरकार के फरमान से डीए प्राप्त स्कूलों में हड़कंप मचा है. स्कूल प्रबंधन तो फिलहाल इस तरह का नोटिस मिलने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि इससे (सरकार के निर्देश) स्कूल चलाना मुश्किल हो जायेगा. उनका कहना है कि शिक्षकों के वेतन का केवल 30 प्रतिशत हिस्सा सरकार से मिलता है.

वेतन का बाकी हिस्सा, विकास कार्य व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन छात्रों से ली गयी फीस से पूरा होता है. स्कूल चलाने के लिए छात्रों से पैसे लेने के अलावा और कोई दूसरा उपाय नहीं है. अगर राज्य सरकार से ऐसा निर्देश मिलता है तो स्कूल बंद करने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा.

गौरतलब है कि शिक्षा के अधिकार कानून 2009 के मुताबिक, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की आठवीं तक की पढ़ाई मुफ्त होगी. लेकिन वर्ष 2011 के राज्य सरकार के नये नियम के मुताबिक कक्षा पांच से आठ तक स्कूल प्रबंधन विकास मद में प्रति विद्यार्थी प्रतिवर्ष 240 रुपये ले सकता है. लेकिन बहुत से स्कूलों ने छात्रों से निर्धारित फीस से ज्यादा रकम वसूली है. राज्य शिक्षा विभाग के नोटिस के अनुसार, जिन सरकारी व अर्द्ध सरकारी स्कूलों में छात्रों से निर्धारित राशि से अधिक रकम ली गयी है, उन्हें 20 दिसंबर से पहले इस संबंध में रिपोर्ट पेश करनी होगी. अगर भेजी गयी रिपोर्ट में गलती पायी गयी तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

यहां तक कि मान्यता भी रद्द हो सकती है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद पहल करते हुए निजी शिक्षण संस्थानों से स्कूल फीस के संबंध में जवाब तलब किया था और कहा था कि आखिर निजी स्कूलों में फीस के रूप में इतनी अधिक राशि क्यों ली जाती है. उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा था कि निजी स्कूलों द्वारा ली गयी फीस पर निगरानी रखी जायेगी. शिक्षा विभाग द्वारा उठाया गया यह कदम मुख्यमंत्री की पहल का परिणाम माना जा रहा है. आनेवाले समय में अन्य स्कूलों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है.

Next Article

Exit mobile version