बंद के दौरान काम पर नहीं आनेवालों का नहीं कटेगा रुपये : विनय

कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनजी द्वारा दार्जिलिंग में शांति-व्यवस्था कायम रखने को लेकर बुलायी गयी बैठक में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए गोजमुमो नेता व जीटीए के चेयरमैन विनय तामांग ने कहा कि गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग में लगभग तीन महीने बंद का आह्वान किया गया था, हालांकि यह बंद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 17, 2017 9:54 AM
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनजी द्वारा दार्जिलिंग में शांति-व्यवस्था कायम रखने को लेकर बुलायी गयी बैठक में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए गोजमुमो नेता व जीटीए के चेयरमैन विनय तामांग ने कहा कि गोरखालैंड की मांग को लेकर दार्जिलिंग में लगभग तीन महीने बंद का आह्वान किया गया था, हालांकि यह बंद सभी नहीं चाहते थे, सिर्फ विमल गुरुंग ही हिंसा के दम पर आंदोलन करना चाहते थे और बाकी नेता इसके खिलाफ थे.

हालांकि, बंद की वजह से वहां कार्यरत लोग जीटीए सहित अन्य सरकारी कार्यालयाें में नहीं जा पाये थे और राज्य सरकार ने इनके वेतन में कटौती करने की घोषणा की थी, लेकिन सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में तय किया गया है कि इन कर्मचारियों का वेतन नहीं काटा जायेगा. हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि बंद के दौरान नहीं आनेवाले कर्मचारियों के सर्विस रिकार्ड में किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा, मुख्यमंत्री ने वेतन काटने के संबंध में कुछ नहीं कहा था.

वहीं, विनय तामांग ने गोरखालैंड के मुद्दे पर कहा कि गोजमुमो द्वारा इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है, क्योंकि अलग राज्य बनाना केंद्र सरकार का मुद्दा है. वहीं, जीटीए के सफल संचालन के लिए उन्होंने राज्य सरकार को दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपा है, जिसमें जीटीए में और विभागों को शामिल करने की मांग की है.

इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज सर्विस कमीशन व डब्ल्यूबीसीएस सहित अन्य परीक्षाओं के प्रश्न पत्र को नेपाली भाषा में भी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इससे यहां से भी अधिक से अधिक लोग परीक्षा में बैठ पायेंगे और उनको सरकारी नौकरी मिलेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके इस अावेदन पर विचार करने का आश्वासन दिया है.

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