मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग प्रजनन क्षमता के लिए खतरा

कोलकाता: मोबाइल व लैपटॉप का इस्तेमाल प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है. इसे लेकर वर्तमान में रिसर्च भी चल रहा है. महानगर के विशिष्ट गायनोकोलॉजिस्ट डॉ सुजय दासगुप्ता ने बताया कि अगर गोद में रख कर लैपटॉप में काम करते हैं, तो यह हमारे प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचाता है. ठीक उसी प्रकार मोबाइल फोन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 16, 2017 9:43 AM
कोलकाता: मोबाइल व लैपटॉप का इस्तेमाल प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है. इसे लेकर वर्तमान में रिसर्च भी चल रहा है. महानगर के विशिष्ट गायनोकोलॉजिस्ट डॉ सुजय दासगुप्ता ने बताया कि अगर गोद में रख कर लैपटॉप में काम करते हैं, तो यह हमारे प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचाता है. ठीक उसी प्रकार मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल व गुप्तांग के पास रख कर फोन का इस्तेमाल किये जाने से यह प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं मोबाइल फोन के पुरुषों के गुप्तांग के पास रखने से यह स्पर्म की गुणवत्ता को नष्ट कर देता है. वहीं महिलाओं के ओभरी में समस्या हो सकती है. अोभरी में अंडा ठीक तरह से तैयार नहीं हो पाता है.
ज्यादा ड्राइव करना पुरुषों के लिए खतरे की घंटी : अधिक समय तक ड्राइव करने से पुरुषों के प्रजनन झमता को नुकसान पहुंचाता है. इससे पुरुषों के अंडकोश गरम होता है. वहीं सख्त अंडवेयर पहनने या गरम पानी से ज्यादा स्नान करना पुरुषों के लिए नुकसानदेह है. इससे अंडकोश का तापमान बढ़ जाता है, जिसके कारण पुरुषों के प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचता है. मोटापा से पुरुष व महिला दोनों के प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचता है.
इंफर्टिलिटी की समस्या के लिए आइयूआइ व आइवीएफ अचूक : महिलाओं में इंफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने के लिए आईयूअाई अथवा आईवीएफ का सहारा लिया जाता है. आईयूआई मात्र 20 फीसदी मामलों‍ में सफल रहता है. वहीं आईवीएफ के जरिए करीब 40 फीसदी मामलों में सफलतापूर्वक प्रसव कराया जा सकता है.
भारत में बढ़ रहे हैं इंफर्टिलिटी के मामले
पश्चिम बंगाल के साथ पूरे भारत में इंफर्टिलिटी के मामले बढ़ रहे हैं. देश में प्रत्येक 10 में तीन पुरुष और तीन महिलाएं बांझपन के शिकार पाये जाते हैं.
35 वर्ष की उम्र के पहले लें पहला बच्चा :
डॉ दासगुप्ता ने बताया कि पुरुष व महिलाएं दोनों कैरियर बनाने की होड़ में शादी देर से करते हैं. शादी में विलंब के कारण कई बार इस तरह के लोगों में इंर्फर्टिलिटी यानी बांझपन की समस्या देखी जाती है. इसलिए महिलाओं को 35 वर्ष के पहले शादी व पहला बच्चा जरूर लेना चाहिए.

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