फिर से शहरी क्षेत्रों में घुसा पानी
मालदा : महानंदा नदी के साथ-साथ गंगा का जलस्तर भी बढ़ना शुरू हो गया है. इस वजह से जिले के लोगों में दहशत बढ़ता ही जा रहा है. शनिवार को महानंदा नदी का पानी खतरे की सीमा के 1. 33 मीटर ऊपर से बहा. साथ ही गंगा नदी का पानी 0.12 मीटर खतरे की सीमा […]
मालदा : महानंदा नदी के साथ-साथ गंगा का जलस्तर भी बढ़ना शुरू हो गया है. इस वजह से जिले के लोगों में दहशत बढ़ता ही जा रहा है. शनिवार को महानंदा नदी का पानी खतरे की सीमा के 1. 33 मीटर ऊपर से बहा. साथ ही गंगा नदी का पानी 0.12 मीटर खतरे की सीमा से ऊपर से बहा. फूलाहार नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. चरम खतरे की सीमा के 0.10 मीटर ऊपर से बह रहा है नदी का पानी. सिंचाई विभाग सूत्रों से यह जानकारी मिली है.
इधर, महानंदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से इंगलिशबाजार नगरपालिका समेत ग्रामीण इलाकों में कई जगहों में नये सिरे से पानी भर गया है. नगरपालिका एवं ग्रामीण इलाके को मिलाकर 25 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
फूलहार नदी से बाढ़ पीड़ितों ने राहत की मांग को लेकर हरिश्चंद्रपुर- दो ब्लॉक के मणिपुर इलाके में राजमार्ग को शनिवार सुबह से ही जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की शिकायत है कि चार दिनों से क्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप जारी है, लेकिन अबतक उनके पास राहत नहीं पहुंचा. बाद में चांचल महकमा प्रशासन की ओर से राहत की व्यवस्था किये जाने पर एक घंटे बाद सड़क जाम को हटा लिया गया.
इंग्लिशबाजार नगरपालिका के 1, 2, 8, 9, 12, 13 व 21 नंबर वार्ड के कुछ इलाके महानंदा नदी के पानी से जलमग्न हैं. जिला प्रशासन की ओर से इन इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था किये जाने के बावजूद बाढ़ पीड़ितों के लिए जगह की समस्या है. कई स्कूल व खाली जगहों पर पहले से ही बाढ़ पीड़ितों ने कब्जा कर रखा है. इस वजह से शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक नये सिरे से आश्रय के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं.
इंगलिशबाजार नगरपालिका के चेयरमैन निहार रंजन घोष ने बताया कि जिन वार्डों में महानंदा नदी का पानी घुस रहा है उन इलाकों के लोगों के आसपास के सभी स्कूलों में फिलहाल रहने की व्यवस्था की गयी है. सूखे भोजन के साथ-साथ प्रशासन की ओर से पर्याप्त परिमाण में राहत सामग्री देने की व्यवस्था की गयी है. सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रणव कुमार सामंत ने बताया कि शनिवार को महानंदा नदी का जलस्तर थोड़ा बढ़ा है. वहीं गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन प्रारंभिक खतरे की सीमा के पास ही है.