जीटीए : गोजमुमो के सभी सदस्यों का इस्तीफा

दार्जीलिंग: गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के 43 सदस्यों के साथ ही पहाड़ पर गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के अस्तित्व पर ग्रहण लग गया है. जीटीए चीफ व गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग सहित सभी सदस्यों ने जीटीए काे अलविदा कह दिया है. इसके साथ ही पिछले सप्ताह सिंहमारी में पुलिस फायरिंग की घटना के बाद पहली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2017 9:55 AM
दार्जीलिंग: गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के 43 सदस्यों के साथ ही पहाड़ पर गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के अस्तित्व पर ग्रहण लग गया है. जीटीए चीफ व गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग सहित सभी सदस्यों ने जीटीए काे अलविदा कह दिया है. इसके साथ ही पिछले सप्ताह सिंहमारी में पुलिस फायरिंग की घटना के बाद पहली बार विमल गुरुंग भी मीडिया के सामने आये.

पातलेबास स्थित मोरचा कार्यालय में पत्रकारों को संबोिधत करते हुए बिमल गुरुंग ने कहा कि कुछ दिनों पहले सर्वदलीय बैठक में उपस्थित राजनीतिक दलों ने मोरचा को जीटीए छोड़ने के लिए कहा था. उसी के तहत शुक्रवार को मोरचा के 43 सदस्यों ने पद से इस्तीफा दे दिया है. श्री गुरुंग ने कहा कि 27 जून को मोरचा जीटीए समझौते के दस्तावेज को जला देगी. इसके साथ ही शनिवार को अपने सभी सभासदों का इस्तीफा राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को सौंप देंगे. उन्होंने 29 जून को सर्वदलीय बैठक होने की जानकारी दी और कहा कि अब से कोई भी बातचत सिर्फ गोरखालैंड पर ही करेंगे.

सर्वदलीय बैठक नहीं टालें : गोरामुमो
इसबीच,गोरामुमो प्रवक्ता नीरज जिम्बा ने मोरचा प्रमुख बिमल गुरुंग से सर्वदलीय बैठक नहीं टालने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक का होना जरूरी है. गोरखालैंड आंदोलन का नेतृत्व स्वयं बिमल गुरुंग कर रहे हैं. उनके पास जन प्रतिनिधि है, जनता का समर्थन है, विधायक हैं, सांसद हैं और यहां तक कि पहाड़ के तीनों नगरपालिका बोर्ड पर उनका कब्जा है.

गोरखालैंड के समर्थन में चल रहे आंदोलन को और प्रभावशाली बनाने के लिए ही सर्वदलीय बैठक का आह्वान किया गया था. इस बैठक में गोरामुमो ने भी भाग लिया. उन्होंने कहा कि गोरामुमो ने अपनी छठी अनुसूची के मुद्दे को छोड़कर अलग राज्य गोरखालैंड का समर्थन किया है. यह आंदोलन मात्र पहाड़ पर ही नहीं है, बल्कि देश -विदेश में भी फैल गया है. इसलिए सभी राजनीतिक दलों को अपने-अपने झंडे को छोड़कर गोरखालैंड के लिए राष्ट्रीय झंडा लेकर आगे बढ़ना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version