Independence Day 2021: नक्सलियों के नाम पर जंगल महल में पोस्टरबाजी, इलाके में हड़कंप, पुलिस की जांच जारी

इस इलाके में अब माओवादियों की मौजूदगी नहीं रही. वहीं, रविवार को रानीबांध के जटादुमुर समेत जंगल महल के लोग कथित पोस्टरबाजी के बाद दहशत में आ गए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2021 2:48 PM

पश्चिम बंगाल में 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. इसी बीच जंगल महल में नक्सलियों की कथित पोस्टरबाजी को लेकर हड़कंप मच गया. सूत्रों के मुताबिक इलाके के अयोध्या पहाड़ में माओवादियों की पोस्टर बरामद की गई. कई जगहों पर काले झंडे भी लगाए गए. इन पोस्टर्स में महिलाओं पर अत्याचार समेत कई मुद्दों के बारे में लिखा गया था.

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पोस्टर लगे होने की भनक लगते ही ग्रामीणों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. दरअसल, इस इलाके में अब माओवादियों की मौजूदगी नहीं रही. वहीं, रविवार को रानीबांध के जटादुमुर समेत जंगल महल के लोग कथित पोस्टरबाजी के बाद दहशत में आ गए. पोस्टर लगाए जाने की खबर मिलने के बाद बरिकुल थाने की पुलिस ने उन्हें जब्त किया और जांच भी शुरू कर दी है.

जंगल महल इलाके से बरामद कथित पोस्टर्स के बारे में पुलिस ने सिर्फ जांच किए जाने की बात कही है. दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो पोस्टर्स को हाथ से ही बनाया गया है. कागज पर काली स्याही से आदिवासियों की स्थिति, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार समेत दूसरे मुद्दों को लेकर बहुत कुछ लिखा गया है. बागमुंडी बलरामपुर के पूर्व नक्सलियों को नौकरी नहीं देने का मामला भी उठाया गया है. पुलिस सूत्रों का मानना है कि पूर्व में नक्सली गतिविधियों में संलिप्त रह चुके लोग ऐसा कर रहे हैं. यह सब नौकरी पाने की तिकड़म है. इस मामले की जांच की जा रही है.

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पुलिस की मानें तो जंगल महल के बांकुड़ा, पुरुलिया और पश्चिम मेदिनीपुर में माओवादियों की गतिविधियां रिपोर्ट की जाती थी. इस इलाके में नक्सलियों की मजबूत पकड़ थी. उनकी मौजूदगी अधिकांश इलाकों में थी. तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जंगल महल में माओवादियों का प्रभाव घटता गया. ममता सरकार ने हिंसा पीड़ितों के परिवारों को नौकरी भी दी है. वहीं, राज्य सरकार की पहल पर नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में भी शामिल किया जा रहा है.

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