कुलपति पर यौन उत्पीड़न का लगा आरोप, जांच का आदेश

कलकत्ता हाइकोर्ट ने पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज (डब्ल्यूबीएनयूजेएस), कोलकाता की एक एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न की शिकायत का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया. यह समिति ही आरोपों की जांच करेगी.

By Prabhat Khabar Print | May 23, 2024 9:26 PM

कोलकाता.

कलकत्ता हाइकोर्ट ने पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज (डब्ल्यूबीएनयूजेएस), कोलकाता की एक एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न की शिकायत का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए एक समिति गठित करने का आदेश दिया. यह समिति ही आरोपों की जांच करेगी. गाैरतलब है कि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत गठित उत्तर 24 परगना जिले की स्थानीय समिति ने समय-सीमा के आधार पर शिकायत को खारिज कर दिया था.

हाइकोर्ट के न्यायाधीश कौशिक चंदा ने कहा कि परिसीमा का प्रश्न कानून और तथ्य का एक मिश्रित प्रश्न है और इसलिए, परिसीमन के मुद्दे का निर्णय स्थानीय समिति द्वारा साक्ष्य के बिना प्रारंभिक चरण में नहीं किया जा सकता था. शिकायत में, याचिकाकर्ता संकाय सदस्य ने तर्क दिया कि कुलपति ने उनके काम में हस्तक्षेप किया, जिससे उनके लिए भयावह और अप्रिय कामकाजी माहौल पैदा हुआ.

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे भी अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा, जिससे उसके स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था. मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश कौशिक चंद ने समिति को शिकायत की फिर से जांच करने का निर्देश दिया.

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