आद्रा स्टेशन के पास पुरजोर विरोध से अतिक्रमण हटाये बिना लौटी रेलवे टीम
दक्षिण पूर्व रेलवे(दपूरे) के आद्रा स्टेशन पर भी अमृत भारत योजना के तहत युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है. इसके लिए रेलवे की ओर से मंगलवार को स्टेशन के आसपास अवैध कब्जा को हटाने के लिए पहुंचे रेल अधिकारियों व रेल पुलिस को स्थानीय दुकानदारों का तगड़ा विरोध झेलना पड़ा.
पुरुलिया.
दक्षिण पूर्व रेलवे(दपूरे) के आद्रा स्टेशन पर भी अमृत भारत योजना के तहत युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है. इसके लिए रेलवे की ओर से मंगलवार को स्टेशन के आसपास अवैध कब्जा को हटाने के लिए पहुंचे रेल अधिकारियों व रेल पुलिस को स्थानीय दुकानदारों का तगड़ा विरोध झेलना पड़ा. तृणमूल कांग्रेस नेताओं की अगुवाई में दुकानदारों ने रेलवे के अमले और जेसीबी को घेर कर जोरदार प्रतिवाद जताया, जिससे रेलवे की टीम को अतिक्रमण हटाये बिना वहां से लौटना पड़ा. आद्रा रेलवे स्टेशन के आसपास रेलवे की जमीन पर कई अस्थायी दुकानें लगा कर व्यापारी धंधा करते हैं. इनको अवैध कब्जा छोड़ने के लिए रेलवे की ओर से कई बार कहा गया है, लेकिन वे लोग अपनी जगह पर बने हुए हैं. मांग है कि रेलवे की ओर से उन्हें बेदखल करने से पहले पुनर्वास दिया जाये, ताकि वे लोग अपना व परिवार का भरण-पोषण कर सकें.मालूम रहे कि बीते कई महीनों से रेलवे के भूमि को खाली करने के लिए वहां बसे दुकानदारों को रेलवे का नोटिस दिया गया है. इससे पहले गत 11 जनवरी को रेलवे की टीम आरपीएफ के साथ अतिक्रमण हटाने गये थी, तब भी पुरजोर विरोध से उसे पीछे हटना पड़ा था. स्थानीय तृणमूल नेताओं की अगुवाई में व्यापारियों ने जोरदार प्रतिवाद जताया था, जिससे रेलवे की टीम वापस जाना पड़ा था.
मंगलवार को भी रेलवे टीम वहां अवैध कब्जा हटाने पहुंची और जैसे ही जेसीबी लगा कर अतिक्रमण को हटाने की कोशिश की गयी, बड़ी संख्या में स्थानीय तृणमूल नेताओं के साथ वहां के दुकानदार जुट गये और रेलवे की टीम को घेर कर नारेबाजी व हंगामा करने लगे. मौके पर आरपीएफ के जवानों से प्रदर्शनकारियों की कहासुनी भी हुई. प्रदर्शनकारिोयं ने बुलडोजर के चालक को उतारने का प्रयास भी किया. स्थानीय दुकानदारों के तगड़े विरोध से रेलवे की टीम को वहां से हट जाना पड़ा.मौके पर तृणमूल नेता तूफान राय, अखिलेश यादव, राजा चौबे ने कहा कि रेलवे के विकास कार्य से किसी को दिक्कत नहीं है, लेकिन दशकों से जो लोग यहां दुकान लगा कर रोजी-रोटी चला रहे हैं, उनके लिए पुनर्वास या वैकल्पिक व्यवस्था किये बगैर बेदखली अभियान नहीं चलाने दिया जायेगा.
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