बंगाल से बाघ पहुंचा झारखंड, आतंक

खड़गपुर : झाड़ग्राम के मालावती जंगल में करीबन सात दिन पहले बाघ के पांव के निशान पाये गये थे. बाघ पकड़ने की टीम भी जंगलमहल इलाके में मौजूद है. जिस कारण ग्रामीणों में दहशत थी, लेकिन रविवार को वन विभाग का कहना है कि बंगाल और झारखंड राज्य के बीच जंगल सटे होने के कारण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 13, 2020 6:42 AM

खड़गपुर : झाड़ग्राम के मालावती जंगल में करीबन सात दिन पहले बाघ के पांव के निशान पाये गये थे. बाघ पकड़ने की टीम भी जंगलमहल इलाके में मौजूद है. जिस कारण ग्रामीणों में दहशत थी, लेकिन रविवार को वन विभाग का कहना है कि बंगाल और झारखंड राज्य के बीच जंगल सटे होने के कारण बाघ बंगाल से सीधे झारखंड राज्य में प्रवेश कर गया है.

गौरतलब है कि रविवार को झाड़ग्राम जिले के बेलपहाड़ी के जंगल में बाघ के पांव के निशान पाये गये. उसके बाद बंगाल की सीमा से पांच किलोमीटर दूर झारखंड में मौजूद फूलगेड़िया गांव में बाघ के पांव के चिन्ह और एक गाय के गले पर बाघ के हमले के पंजे के निशान पाये गये.
दूसरी ओर झाड़ग्राम और उसके आसपास स्थित जंगल में सुंदरवन से बाघ पकड़ने की टीम को पंजे के निशान नहीं मिले. झाड़ग्राम के डीएफओ बासक राज हुलैशी का कहना है कि बाघ बेलपहाड़ी से कांकराझोड़ होते हुए झारखंड राज्य में प्रवेश कर गया. वर्तमान में बाघ का नया डेरा झारखंड राज्य के घाटशिला और उसके आसपास जंगल मे‍ं है. बाघ के हमले से एक गाय भी जख्मी हुई है.

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