16 सूत्री मांगों के समर्थन में आठ जनवरी की हड़ताल को जिले में सफल बनाने की रणनीति तैयार
आसनसोल : केंद्र सरकार द्वारा कोयला उद्योग में शत-प्रतिशत एफडीआई लागू करने के निर्णय को वापस लेने, मूल्यवृद्धि पर तत्काल अंकुश लगाने, रोजगार सृजन के लिए ठोस उपायों के माध्यम से बेरोजगारी को नियंत्रित करने सहित 16 सूत्री मांगों के समर्थन में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आठ जनवरी को बुलाई गई देश व्यापी हड़ताल को […]
आसनसोल : केंद्र सरकार द्वारा कोयला उद्योग में शत-प्रतिशत एफडीआई लागू करने के निर्णय को वापस लेने, मूल्यवृद्धि पर तत्काल अंकुश लगाने, रोजगार सृजन के लिए ठोस उपायों के माध्यम से बेरोजगारी को नियंत्रित करने सहित 16 सूत्री मांगों के समर्थन में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आठ जनवरी को बुलाई गई देश व्यापी हड़ताल को जिले में सफल बनाने की रणनीति को लेकर गुरुवार को कोयला उद्योग में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की जॉइंट एक्शन कमिटी (जैक) ने गुजराती भवन में सम्मेलन का आयोजन किया. पूर्व सांसद सह एटक नेता आरसी सिंह, अखिलेश सिंह, शैलेन्द्र सिंह, सीटू के गौरांग चटर्जी, जेके श्रीवास्तव, विवेकहोम चौधरी, इंटक के चंडी बनर्जी, आरपी शर्मा मंच पर उपस्थित थे.
पूर्व सांसद श्री सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की आर्थिक और सामाजिक नीतियों से देश की जनता परेशान है. जिसके तहत आठ जनवरी को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने देश व्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. जिसमें स्थानीय मुद्दे कोल इंडिया में विनिवेश को रोकने, माइनिंग क्षेत्र में आउटसोर्सिंग, माइनिंग डेवलपमेंट ऑपरेटर (एमडीओ) और ठेकेदारी प्रथा को बंद करने और इनके अंतर्गत माइनिंग क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों को कोल इंडिया के श्रमिक के रूप में नियमित करने, किसी भी खदान में उत्पादन में कमी या निलंबन नहीं करने तथा साधारण मुद्दे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सार्वभौमिकरण और कमोडिटी मार्केट में सट्टा व्यापार पर प्रतिबंध लगाने,
मूल्य-वृद्धि पर तत्काल अंकुश लगाने, रोजगार सृजन के लिए ठोस उपायों के माध्यम से बेरोजगारी को नियंत्रित करने, श्रम कानूनों के उल्लंघन के लिए कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने, सभी श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम वेतन 21,000 रुपये प्रति माह करने, बढ़ी हुई पेंशन 10,000 से कम नहीं होने, समान कार्य का समान वेतन देने, बोनस, प्रोविडेंट फंड राशि की भुगतान पर सीलिंग हटाने, ग्रेच्युटी की राशि में वृद्धि करने, आवेदन जमा करने की तारीख से 45 दिनों की अवधि के भीतर ट्रेड यूनियनों का अनिवार्य पंजीकरण करने, मजदूर विरोधी कानून संशोधन करने तथा रेलवे, बीमा और रक्षा में कोई एफडीआई या निजीकरण को बंद करने की मांग को लेकर हड़ताल बुलाई गई है. जिले में इस हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति गुरुवार को तैयार की गई. जिसमें 28 दिसम्बर से सात जनवरी तक के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई.
इसीएल के बंकोला, पांडेश्वर, सोदपुर, सालानपुर, श्रीपुर, सतग्राम, कुनुसतोरिया, सोनपुरबाजारी, कजोड़ा, केंदा, झांझरा एरिया सहित सकतोड़िया मुख्यालय पर कौन यूनियन कब-कब सभा करेगी इसका निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और उन्हें दायित्व दिया गया.