सफाई की हकीकत बयां कर रही है शहर की गंदगी
डेंगू से मौत के बाद भी सफाई को लेकर प्रशासन की उदासीनता लोगों के लिए चिंता का सबब कचरों में घूमते नजर आये आवारा पशु बोरो चेयरमैन ने किया इलाके में नियमित सफाई कराने का दावा आसनसोल : नगर निगम क्षेत्र के बर्नपुर त्रिवेणी मोड़ के निकट स्थित बोरो सात कार्यालय के समक्ष गंदगी का […]
डेंगू से मौत के बाद भी सफाई को लेकर प्रशासन की उदासीनता लोगों के लिए चिंता का सबब
कचरों में घूमते नजर आये आवारा पशु
बोरो चेयरमैन ने किया इलाके में नियमित सफाई कराने का दावा
आसनसोल : नगर निगम क्षेत्र के बर्नपुर त्रिवेणी मोड़ के निकट स्थित बोरो सात कार्यालय के समक्ष गंदगी का अंबार क्लीन आसनसोल ग्रीन आसनसोल की हकीकत बयां कर रही है. सफाई को लेकर बोरो चेयरमैन समित माजी के बड़े-बड़े दावों की जमीनी हकीकत ठीक इसके उलट है. सफाई व्यवस्था को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है.
बोरो कार्यालय के वार्ड संख्या 77 अंतर्गत रहने वालों ने कहा कि सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. आंखों देखी में सफाई को लेकर खौफनाक दृश्य सामने आया. अधिकांश जगहों पर कूड़ेदान नहीं है. कचड़े में आवारा पशु घूम रहे हैं. जगह-जगह कचड़ा बिखरा पड़ा है. पानी निकासी के लिए नालियों की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण जगह-जगह जल जमाव की स्थिति भी दयनीय है.
बोरो चेयरमैन ने किया सफाई का दावा
बोरो सात के चेयरमैन समित माजी ने कहा कि आसनसोल नगर निगम अंतर्गत दस बोरो अंतर्गत वार्डो में सफाई के लिये विशेष अभियान चलाया जा रहा है. बीते दिनों मेयर जितेन्द्र तिवारी ने एमएमआईसी (सेनेटरी) लखन ठाकुर, बोरो चेयरमैन तथा एसआई के साथ बैठक की थी. जिसमें वार्डों के कूड़ेदान से कूड़ा संग्रह कर इलाके की नियमित साफ सफाई करने का निर्देश दिये गये. मेयर श्री तिवारी की गाइड लाइन पर प्रत्येक वार्ड में कूड़ेदान की नियमित सफाई की जाती है. साथ ही पार्षद व एसआई के दिशा-निर्देश के अनुसार इलाके में नाली तथा सड़कों की सफाई का कार्य किया जाता है.
पार्षद ने गिनाई समस्याएं:
पार्षद श्रवण साव ने कहा कि वार्ड संख्या 77 अंतर्गत नरसिंह बांध, मुंगेरियापाड़ा, गायत्री मंदिर, शास्त्री नगर, हरिजन मंदिर, ललमिटिया मैदान, अपर रोड संतोषी मंदिर, मिठाई गली, जनता रोड, राजस्थान रोड, साव रोड, नरसिंह बांध रेलवे लाइन, नीचूपाड़ा, उपरपाड़ा, व स्वीपर कॉलोनी आदि इलाके स्थित हैं. पुराने मकानों के कारण गली-गली में सैकड़ों नालियां हैं. कूड़ेदान की कमी के कारण लोग ड्रेन में भी कचड़ा फेंक देते हैं. जिसके कारण पानी का प्रवाह रूकने से नालियां जाम हो जाती हैं. इससे मच्छर जनित रोगों के पनपने की आंशका बनी रहती है. कर्मियों की कमी के कारण इलाकों की सफाई का कार्य ठीक से नहीं हो पाता है. कुल नौ ही सफाई कर्मी हैं. उनमें से अधिक नियमित रूप से कार्य पर नहीं आते हैं. इसके बावजूद भी लगातार सफाई का कार्य किया जाता है.