प्रैक्टिकल प्रशिक्षण देने की मांग पर छात्रों ने किया प्रदर्शन

कॉलेज प्रिंसिपल ने मांगों पर विचार करने का दिया आश्वासन आसनसोल : ओवरमेन प्रमाण पत्र के लिए एक वर्षीय प्रैक्टिकल प्रशिक्षण (पीडीपीटी) की मांग पर आसनसोल पोलिटेक्निक कॉलेज के माईनिंग एवं माईंस सर्वे विभाग के इस वर्ष के उत्तीर्ण छात्र छात्राओं ने आसनसोल पोलिटेक्निक कॉलेज के मुख्य प्रवेश द्वार के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 27, 2019 2:08 AM

कॉलेज प्रिंसिपल ने मांगों पर विचार करने का दिया आश्वासन

आसनसोल : ओवरमेन प्रमाण पत्र के लिए एक वर्षीय प्रैक्टिकल प्रशिक्षण (पीडीपीटी) की मांग पर आसनसोल पोलिटेक्निक कॉलेज के माईनिंग एवं माईंस सर्वे विभाग के इस वर्ष के उत्तीर्ण छात्र छात्राओं ने आसनसोल पोलिटेक्निक कॉलेज के मुख्य प्रवेश द्वार के समक्ष धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में कॉलेज के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के स्टूडेंटस ने भी भागीदारी की. छात्रों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए कॉलेज के सुरक्षा कर्मियों ने मुख्य प्रवेश द्वार को बंद कर दिया. आक्रोशित छात्र मुख्य द्वार से प्रवेश कर कॉलेज प्रिंसिपल अभिजीत दत्ता के कक्ष के सामने धरने पर बैठ गये और प्रैक्टिकल प्रशिक्षण की मांग पर नारेबाजी करने लगे.
प्रदर्शनकारी छात्रों का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता आलोक सिंह एवं कॉलेज प्रिंसिपल अभिजीत दत्त के बीच हुई बैठक में प्रिंसिपल द्वारा मामले में सहयोग करने और जल्द ही उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं के लिए प्रैक्टिकल प्रशिक्षण करवाये जाने के आश्वासन पर सात घंटे बाद प्रदर्शनकारी स्टूडेंटस ने धरना प्रदर्शन समाप्त किया.
प्रदर्शनकारी छात्रों में राकेश राय, राहुल महतो, विकास तांती, मिठुन केवट, शरत मंडल, देबव्रती माजी, दिप्रेश आदि ने कहा कि अगस्त 2019 में माइनिंग के 47 एवं माईंस सर्वे के 23 स्टूडेंटस परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इसीएल मुख्यालय के अधीन कोलियरियों में एक वर्षिय प्रेक्टिल प्रशिक्षण से संबंधित सारी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी प्रशिक्षण का अवसर नहीं मिल पा रहा है. बीना प्रशिक्षण के तीन वर्षिय माइनिंग एवं माईंस सर्वे पाठयक्रम का कोई महत्व नहीं रह जायेगा और नहीं वे कोल इंडिया के किसी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन ही कर पायेंगे. ऐसी स्थिति में उनका कैरियर प्रभावित होगा.
छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें सूचना मिली कि निजी कॉलेजों के स्टूडेंटस को प्रेक्टिकल प्रशिक्षण कर रहे हैँ. परंतु उन्हें अवसर नहीं मिल पा रहा है. छात्रों ने कहा कि अगर उनका प्रशिक्षण नहीं हो पाया तो कॉलेज के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के स्टूडेंटस का प्रैक्टिकल प्रशिक्षण भी बाधित होगा. प्रदर्शनकारी छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनके प्रैक्टिकल प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं की गयी तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

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