अपहरण से मुक्त मनीष का बयान कोर्ट में दर्ज
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पुलिस जांच अधिकारी ने की थी अपील बर्दवान : शक्तिगढ़ थाना पुलिस ने आमडा के लैंचा व्यवसायी बलराम ओझा के बेटे मनीष ओझा का बयान बर्दवान जिला कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद कराया. सनद रहे कि अपहरण से हुई बरामदगी के बाद उसे बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में […]
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पुलिस जांच अधिकारी ने की थी अपील
बर्दवान : शक्तिगढ़ थाना पुलिस ने आमडा के लैंचा व्यवसायी बलराम ओझा के बेटे मनीष ओझा का बयान बर्दवान जिला कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद कराया. सनद रहे कि अपहरण से हुई बरामदगी के बाद उसे बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल किया गया था.
शुक्रवार को उसके रिलीज होने के बाद पुलिस जांच अधिकारी श्रीधर सेन ने मनीष का बयान दर्ज कराने की अपील सीजेएम रतनकुमार गुप्त से की. कोर्ट के आदेश के बाद चतुर्थ न्यायिक दंडाधिकारी रंजनी काश्यप ने उसका बयान दर्ज किया.मनीष ने पुलिस को बताया कि वाहन चालक ने घुमाने का लालच दिया और वह अकेले कार पर सवार हो गया.
कुछ दूर ले जाने के बाद सडक के पास कार खड़ी कर दी. उसके हाथ और पैर बांध दिये गये. मुंह में प्लास्टिक के स्ट्रीप लगाकर डिक्की में बंद कर दिया गया. लंबे समय तक डिक्की में बंद रहने के कारण उसे काफी दर्द हो रहा था. मुंह पर टेप होने के कारण वह चिल्ला भी नहीं पा रहा था. काफी समय के बाद चालक ने जंगल में उसे फेंक दिया. बाद में स्थानीय एक ग्रामीण ने उसे देख कर उसे बंधन मुक्त किया. उसे बिस्कुट खाने और पानी पीने को दिया.
उसने कहा कि पहले कार की डिक्की और बाद में जंगल में अकेले पड़े रहने के कारण वह काफी डर गया था. गौरतलब है कि बीते रविवार को शक्तिगढ़ के आमडा के लैंचा (आदी लैंचा घर) के मालिक बलराम ओझा के बेटे मनीष का अपहरण किया गया. शाम को पांच लाख रूपये फिरौती में देने की मांग फोन से की गई. कुछ देर बाद ही आमडा के एक जंगल से मनीष को बरामद किया गया. जांच के क्रम में पुलिस ने शेख रबीउल को गिरफ्तार किया, रबीउल ने कबूल किया कि बलराम के वाहन चालक शेख जामिर हुसैन उर्फ राज ने फिरौती की राशि मांगी थी. शाम को जमीर को कोडाइन तरल मादक सहित गिरफ्तार किया. इसके बाद पुलिस ने कोर्ट को इस अपहरण में संलिप्त होने के साक्ष्य दिये तथा उसे आरोपी बनाया.