पीएम को ज्ञापन भेजेगा स्वदेशी जागरण मंच 18 को

बर्नपुर : स्वदेशी जागरण मंच (पश्चिम वर्दवान) ने चाइनीज वस्तुओ का बहिष्कार करते हुये आगामी 18 अक्तूबर को जिलाशासक के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन सौंपने की घोषणा की है. जिला संयोजक शंकर मेहता ने बताया कि वर्ष 2012 में कंबोडिया में आयोजित आसियान के शिखर सम्मेलन में आरसीईपी के तहत एफटीए मुक्त […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2019 12:58 AM

बर्नपुर : स्वदेशी जागरण मंच (पश्चिम वर्दवान) ने चाइनीज वस्तुओ का बहिष्कार करते हुये आगामी 18 अक्तूबर को जिलाशासक के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन सौंपने की घोषणा की है. जिला संयोजक शंकर मेहता ने बताया कि वर्ष 2012 में कंबोडिया में आयोजित आसियान के शिखर सम्मेलन में आरसीईपी के तहत एफटीए मुक्त व्यापार समझौता का एक प्रस्ताव लाया गया.

जिसमें प्रारंभिक तौर पर 16 देशों को शामिल किया गया. इस समझौते के अनुसार 16 देश में दुनिया के 3.4 अरब लोग या विश्व के 45 फीसदी जनसंख्या 39 फीसदी सकल धरेलू उत्पाद (जीडीपी) क्रय क्षमता के आधार पर 49.3 खरब (ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर की बराबरी करती है.
विश्व का 30 फीसदी व्यापार इन देशों का हिस्सा है. इस प्रस्ताव पर अभी तक कोई निष्कर्ष नही निकला है लेकिन अब ये समझौता पर जल्द ही सभी देश अपनी मुहर लगा देंगे. अगर ये समझौता हो जाता है तो भारत के छोटे बड़े घरेलू उद्योगों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा. इस समझौता के तहत इन 16 देशों के बीच 80 से 95 फीसदी वस्तुओं पर इम्पोर्ट डयूटी टैक्स शून्य अर्थात खत्म कर दिया जायेगा.
भारत में निवेश करने वाले देशो को व्यापार करने के लिये इम्पोर्ट ड्यूटी टैक्स के अलावे कई प्रकार की एन्टी डंपिंग टैक्स भरना पड़ता है. चीन का एक बहुत बड़ा व्यापार भारत से होता है. चीन के घटिया तकनीक के चलते उसका समान सस्ता होता है और देश की अच्छी तकनीक के चलते सामान बनाने में लागत अधिक लगता है जिसके चलते देश की निर्मित वस्तु चीन से थोड़ा महंगा होता है.
चाइनीज वस्तुओं की खरीदारी करने से देश की बहुत से उद्योग घाटे में जाकर बंद हो चुके हैं या मंदी कि कगार पर खड़े है. देश की युवाओं के रोजगार में बहुत बड़ा बाधक बना हुआ है. देश में बेरोजगारी बढ़ रहा है. आगामी 18 अक्तूबर को समझौते के विरोध में प्रधानमंत्री को ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौपा जायेगा.

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