केंद्र सरकार सीआइएल का अस्तित्व करेगी समाप्त

आसनसोल : पूर्व सांसद सह कोलियरी मजदूर सभा (एटक) के महासचिव आरसी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कोयला खदानों को बेचने की साजिश के तहत कोयला उद्योगों में सौ प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लागू करने के निर्णय कैबिनेट में मंजूरी दी है. इससे पहले कमर्शियल माइनिंग लागू किया गया और अब सौ प्रतिशत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 16, 2019 6:55 AM

आसनसोल : पूर्व सांसद सह कोलियरी मजदूर सभा (एटक) के महासचिव आरसी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार कोयला खदानों को बेचने की साजिश के तहत कोयला उद्योगों में सौ प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लागू करने के निर्णय कैबिनेट में मंजूरी दी है.

इससे पहले कमर्शियल माइनिंग लागू किया गया और अब सौ प्रतिशत एफडीआई लाकर देश के संपत्ति को विदेशी पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की साजिश के तहत कार्य कर रही है. वे सरकार के इस निर्णय के खिलाफ 24 सितंबर को पूरे कोल इंडिया में होने वाली हड़ताल को इसीएल में सफल बनाने के लिए रविवार को सोनपुरबाजारी परियोजना में आयोजित यूनियन की सभा को संबोधित कर रहे थे.
अध्यक्षता यूनियन नेता मूलचंद हरिजन ने की. अध्यक्ष प्रभात राय, कोषाध्यक्ष अखिलेश सिंह, जोगिंदर प्रसाद, गुरुदास चक्रवर्ती, सच्चिदानंद पाल, राजकुमार यादव, अरविंद झा, अशोक मंडल, रामस्वरूप महतो, स्वरूप माजी, अनन्या बनर्जी, अभिजीत बनर्जी, राजू राम आदि उपस्थित थे.
श्री सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की इस श्रमिक विरोधी नीति के खिलाफ कोयला खदान के मजदूरों को एकजुट होकर हड़ताल को सफल करना होगा. केंद्र सरकार कोल इंडिया का विभिन्न बैंकों में जमा 63 हजार करोड़ रुपया हड़प लिया. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का एक लाख 76 हजार करोड़ रुपया भी केंद्र सरकार ने ले लिया है. देश आर्थिक मंदी से दौर से गुजर रहा है. महंगाई अपने चरम पर है. किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान, महिला कोई भी देश में सुरक्षित नहीं है.
यह सरकार अच्छे दिनों का वादा करके केवल कॉरपोरेट घरानों की दलाली करने पर लगी है. उन्होंने कहा कि 24 सितंबर को कोल इंडिया में होने वाली हड़ताल देश के श्रमिकों की दिशा तय करेगी. कोयला खदान के श्रमिकों को अपने और आगामी पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस हड़ताल सफल बनाने की अपील की.

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