दबाव में आठ सदस्यीय कमेटी गठित

सांकतोड़िया. कोलकर्मियों को मेडिकल अनफिट तथा आश्रितों के नियोजन के मुद्दे पर आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. इसमें यूनियन तथा प्रबंधन के चार-चार सदस्य शामिल होंगे. कमेटी अपनी रिपोर्ट तीन माह के भीतर प्रस्तुत करेगी. यूनियन प्रतिनिधियों काने कहा कि सीआइएल की सभी अनुषांगिक कोयला कंपनियों में पिछले दो साल से मेडिकल अनफिट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 17, 2019 12:44 AM

सांकतोड़िया. कोलकर्मियों को मेडिकल अनफिट तथा आश्रितों के नियोजन के मुद्दे पर आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. इसमें यूनियन तथा प्रबंधन के चार-चार सदस्य शामिल होंगे. कमेटी अपनी रिपोर्ट तीन माह के भीतर प्रस्तुत करेगी.

यूनियन प्रतिनिधियों काने कहा कि सीआइएल की सभी अनुषांगिक कोयला कंपनियों में पिछले दो साल से मेडिकल अनफिट के मामलों में अनुकंपा के आधार पर नियोजन बंद है. इससे शारीरिक रूप से अक्षम कर्मियों की परेशानी बढ़ गई है. शारीरिक अस्वस्थता के बाद भी उन्हें कार्यस्थल पर जाना पड़ता है.
बैठा कर वेतन भुगतान करने से प्रबंधन को भी घाटा हो रहा है. पहले इन कर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने का प्रावधान था, पर प्रबंधन इसे बंद करने का पक्षपाती है. लेकिन यूनियनों के दबाव के कारण अभी तक इसका सर्कुलर जारी नहीं हो सका है. लेकिन कार्मिक विभाग को इन मामलों से जुड़ी संचिकाओं को लंबित रखने का परोक्ष निर्देश दे दिया गया है.
इस मुद्दे को लेकर मानकीकरण कमेटी की बैठक में यूनियन प्रतिनिधियों ने विरोध जताया. जिसके बाद प्रबंधन ने आठ सदस्यीय कमेटी बनाने पर सहमति जता दी. कमेटी में एचएमएस के नाथूलाल पांडेय, बीएमएस से वाईएन सिंह, सीटू से डीडी रामानंदन, एटक से रमेंद्र कुमार, प्रबंधन प्रतिनिधि के रूप में इसीएल के कार्मिक निदेशक विनय रंजन, बीसीसीएल के कार्मिक निदेशक आरएस महापात्रा, एनसीएल के कार्मिक निदेशक एनएन ठाकुर शामिल हैं.
कमेटी तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. उसके आधार पर निर्णय लिया जायेगा. प्रबंधन ने आश्वस्त किया है कि जब तक कमेटी की रिपोर्ट आयेगी, तब तक पुराने प्रावधान को प्रभावी रखा जायेगा लेकिन नियुक्ति की फाइल बढ़ नहीं रही है. हृदय, किडनी, कैंसर, पक्षाघात समेत छह बीमारियों की स्थिति में अनफिट होने पर अनुकंपा के आधार पर नियोजन काप्रावधान है.

Next Article

Exit mobile version