न्यायपालिका से कार्यपालिका तक सेवा के साधक

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने किया मेडिकल यूनिट, आवासीय परिसर का उद्घाटन मानवीय मूल्यों, मौलिक अधिकारों, संविधान की सार्वभौमिकता पर दिया मुख्य जोर आसनसोल : कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथादी वी राधाकृष्णन ने कहा कि न्यायपालिका से लेकर कार्यपालिका तक सभी सेवा की साधना करनेवाले हैं तथा इनका मुख्य दायित्व आम जनता […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 16, 2019 2:22 AM

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने किया मेडिकल यूनिट, आवासीय परिसर का उद्घाटन

मानवीय मूल्यों, मौलिक अधिकारों, संविधान की सार्वभौमिकता पर दिया मुख्य जोर
आसनसोल : कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथादी वी राधाकृष्णन ने कहा कि न्यायपालिका से लेकर कार्यपालिका तक सभी सेवा की साधना करनेवाले हैं तथा इनका मुख्य दायित्व आम जनता के मौलिक अधिकारों तथा मानवीय मूल्यों की रक्षा करना है.
शनिवार को आसनसोल जिला कोर्ट परिसर में जिला कोर्ट के नवनिर्मित भवन, मेडिकल यूनिट तथा आवासीय परिसर के उद्घाटन के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिय को आधुनिकतम तकनीक से जोड़ने का अभियान उनकी प्राथमिकता में शामिल है.
श्रम सह विधि व कानून मंत्री मलय घटक, जज समाप्ति चटर्जी, कलकत्ता हाई कोर्ट के जज दिवांशु वसाक, जिला जज अजय दास, आसनसोल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमिताभ मुखर्जी आदि मंचासीन थे.
मुख्य न्यायाधीश श्री राधाकृष्णन ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था से जुड़े सभी पक्ष सेवा की भावना से लैस हो कर कार्य करते हैं. सभी के मन में सेवा की साधना का भाव होना चाहिए. सरकारों की नीतियां भी इसी के अनुरूप होती है.
संविधान की सार्वभौमिकता, मौलिक अधिकारों तथा मानवीय मूल्यों की रक्षा बेहद जरूरी है. बार तथा बेंच के बीच के संबंधों का विकास भी इसी परिप्रेश्य मे होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन की कई समस्याएं होती हैं. उनका समाधान भी बेहद जरूरी है तथा समय के अनुरूप इसका निदान भी किय जाता है. उन्होंने कहा कि इस समारोह में मामलों की त्वरित गति (स्पीडी ट्रायल) से निष्पादन का मामला उठा.
लेकिन इसके लिए कई संसाधनों की जरूरत होती है. मामले की सुनवाई से लेकर सजा तक की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कई जटिलता है. लेकिन इसमें आधुनिकतम तकनीक के उपयोग की दिशा में सार्थक पहल हो रही है. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ों, विभिन्न कोर्ट के आदेशों तथा अन्य दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन बेहद जरूरी है. सरकारों के स्तर से पूरी मदद मिल रही है. लेकिन इस तकनीक की सुविधा सिर्फ हाई कोर्ट तक सीमित रहने से कार्य नहीं होगा. इस तकनीक से जिला स्तरीय तथा महकमास्तरीय कोर्ट को भी जोड़ना होगा. उन्होंने कहा कि विभिन्न स्तरों की लीगल ऑथोरिटी भी इस दिशा में सक्रिय हैं.
उन्होंने कहा कि कोशिश हो रही है कि कोर्ट संबंधित मामलों यथा सुनवाई की तिथि, आदेशों की अभिप्रमाणित प्रतियां, अन्य सामान्य विधाई मामलों के लिए लोगों को कोर्ट का चक्कर न लगाना पड़े तथा यह सुविधाएं उन्हें ऑनलाइन मिल जाये. उन्होंने कहा कि कोर्ट परिसर में मेडिकल सुविधा काफी प्रशंसनीय पहल है. उन्होंने केरल में सेवाकाल के दौरान इस देखा था. उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक तथा एक नर्स तक सीमित न रह कर इसे और विकसित किया जाना चाहिए तथा राज्य सरकार पर निर्भर न रहकर बेंच और बार के सहयोग से आत्मनिर्भर बनना चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि समाज की सबसे पिछली कतार में खड़े तथा मुख्य धारा से कटे लोगों को भी पूर्ण न्याय दिलाने की कोशिश होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस दिशा में राज्य सरकार के स्तर से काफी सहयोग मिल रहा है. उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन को अपने स्तर से लॉ क्लर्कों तथा सदस्यों के लिये वेलफेयर सोसाइटी का गठन करना चाहिए. उन्होंने मीडिया से सच्ची तथा सकारात्मक सूचना प्रसारण की अपेक्षा जताई.
जिलाशासक शशांक सेठी, पुलिस आयुक्त देवेन्द्र प्रकाश सिंह, सीएमओएच डॉ देवाशीष हलदर, एमएमआईसी (क्रीड़ा व संस्कृति) अभिजीत घटक, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (टीजी) कुमारी पुष्पा, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) सायक दास, आसनसोल बार एसोसिएशन के सचिव वाणी मंडल, राजेश तिवारी, एजीपी तपन चटर्जी, अधिवक्ता मुनीर वेग, स्वराज चटर्जी, सौरव चटर्जी, खुर्शीद आलम, प्रभाकर नारायण सिंह, अभय गिरि, राजेश तिवारी, गुरूप्रीत सिंह, सोमनाथ चट्टराज, रामसेवक सिंह, इंदू भूषण पांडे, हिमांशु झा, हेमंत पांडे, उदय गिरि, जीआरओ सुबीर सेन, हाजत प्रभारी नवणी स्वर्णकार आदि उपस्थित थे.
मुख्य न्यायाधीश श्री राधाकृष्णन ने जिला कोर्ट के नये भवन तथा मेडिकल यूनिट का उद्घाटन करने के बाद एडीजे कोर्ट का मुआयना किया. जिला कोर्ट परिसर के मेडिकल यूनिट में आसनसोल जिला अस्पताल के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें चार यूनिट रक्त संग्रह किया गया. जिसे आसनसोल जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में जमा कराया गया.

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