दुर्गापुर कार्तिक एलॉयज के एमडी को किया गिरफ्तार

दुर्गापुर : केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी जीएसटी (गुड सर्विस टैक्स ) समय पर जमा न करने के आरोप में सिउड़ी जीएसटी मुख्य कार्यालय के निर्देश पर दुर्गापुर के अंगदपुर स्थित कार्तिक एलायज लिमिटेड फैक्टरी के प्रबंध निदेशक भोपाल श्रीनिवासा को गिरफ्तार किया है. सोमवार को व्यवसायी को दुर्गापुर अनुमंडलीय अदालत में पेश किया […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 28, 2019 12:52 AM

दुर्गापुर : केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गयी जीएसटी (गुड सर्विस टैक्स ) समय पर जमा न करने के आरोप में सिउड़ी जीएसटी मुख्य कार्यालय के निर्देश पर दुर्गापुर के अंगदपुर स्थित कार्तिक एलायज लिमिटेड फैक्टरी के प्रबंध निदेशक भोपाल श्रीनिवासा को गिरफ्तार किया है. सोमवार को व्यवसायी को दुर्गापुर अनुमंडलीय अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 4 दिनों के लिए हिरासत में भेज दिया गया है. अगली सुनवाई 31 मई को होगी.

दो साल में भोपाल श्रीनिवासा पर करीब 11 करोड़ रुपये बतौर जीएसटी सरकार को जमा नहीं करने का आरोप लगा है. विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर केएस चक्रवर्ती ने बताया कि भोपाल श्रीनिवासा ने बीते वर्ष जुलाई 2018 से जनवरी 2019 तक करीब 11 करोड़ की बड़ी राशि सरकार को जमा नही की है. देश में पहली घटना है कि कोई इतनी बड़ी राशि का जीएसटी किसी व्यवसायी ने जमा नहीं किया है. श्रीनिवासा को शुक्रवार को दुर्गापुर के सिटी सेंटर स्थित शाखा कार्यालय (जीएसटी) से पूछताछ प्रक्रिया के बाद हिरासत में लिया गया था.

श्रीनिवासा की दुर्गापुर में कार्तिक एलॉयज फैक्टरी के साथ गोवा में भी कारखाना है. भोपाल श्रीनिवासा अक्सर गोवा में ही रहते हैं. श्री चक्रवर्ती ने बताया कि मुख्य कार्यालय से सूचना पाकर दुर्गापुर शाखा कार्यालय के अधिकारियों ने कार्तिक एलॉयज फैक्टरी में जांच अभियान चलाया था. प्रबंध निदेशक को सम्मन जारी कर शाखा कार्यालय में बुलाया गया था.

दुर्गापुर एवं आसपास की कई फैक्टरियों के मालिकों पर भी जीएसटी जमा नहीं करने की शिकायत मिली है. विभाग की ओर से जीएसटी चोरी व गबन करने वालो पर सख्त कदम उठाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि अंगदपुर स्थित कार्तिक एलॉयज लिमिटेड में फेरो, रॉ मटेरियल का उत्पादन किया जाता है. यह रॉ मैटेरियल उन्नत स्टील बनाने में उपयोग किया जाता है. आरोप है कि कंपनी के एमडी विभिन्न बाजारों से रॉ मैटेरियल की खरीद फरोख्त में ग्राहकों से जीएसटी का भुगतान कराते थे लेकिन खुद सरकार को जीएसटी जमा नहीं कर रहे थे.

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